गोचर से फलित कैसे करें ?

गोचर से फलित कैसे करें ? आचार्यों ने कुंडली से फलित देखने के सूत्रों की रचना के उपरांत घटनाओं के घटित होने का काल तय करने के लिए एक पृथक् पद्धति की आवश्यकता अनुभव की। इसे आप इस प्रकार समझें कि एक जन्मांग में विवाह का योग देखना है। सामान्य Read more…

राजयोग कैसे बनते हैं ?

राजयोग कैसे बनते हैं ? मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन क्रम में राजयोग यद्यपि अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसमें एक आकर्षण अवश्य है । सामान्यतया सभी पुस्तकों में राजयोग का उल्लेख रहता है। यह इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि स्वतंत्रता के बाद भारत में भी अब आम आदमी Read more…

भाग्योदय कब होगा ?

भाग्योदय कब होगा ? प्रत्येक मनुष्य की इच्छा होती है कि वह सभी भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त करे। जब इन इच्छित भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होने लगती है, तो इसी स्थिति को ज्योतिष की भाषा में भाग्योदय कहते हैं । दूसरे शब्दों में जब व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार इच्छाओं को Read more…

आयु के कारक भाव और ग्रह

आयु के कारक भाव और ग्रह आयु निर्णय का सबसे अधिक महत्त्व है अर्थात् सर्वप्रथम आयु विचारणीय है। विद्या, विवाह, संतान, सुख, राजयोग और दूसरे सभी शुभाशुभ योगों पर विचार आयु के उपरांत ही करना चाहिए। अल्प, मध्य और दीर्घायु लगभग सभी प्राचीन ग्रंथों में आयु के संबंध में गंभीरता Read more…

रहस्यमय ग्रह है शनि

रहस्यमय ग्रह है शनि शनि को रहस्यपूर्ण ग्रह माना गया है । हिमालय की गुफाओं में निरंतर साधनारत अघोरी और प्रेत-आत्माओं को अपनी उंगलियों पर नचाने वाले तंत्र के पंडित शनि से प्रभावित रहते हैं। रहस्यमयी विद्याओं पर शनि के बाद केतु का प्रभाव है । शव साधक इन दोनों Read more…

कुंडली से रोगों का निर्णय

कुंडली से रोगों का निर्णय जैसा कि हम अध्ययन कर चुके हैं कि कुंडली का समग्र अवलोकन ही उचित निर्णय दे सकता है। किसी एक योग के आधार पर घोषणा करना उचित नहीं है। रोगों के मामले में मेरी इस धारणा को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि प्रायः रोगों को Read more…

संतान और संतान सुख

संतान और संतान सुख विवाह की सार्थक परिणति संतान है। अधिकतम मामलों में ऐसा होता भी है। मगर कुछ दंपती संतान का सुख नहीं भोग पाते हैं। चिकित्सकीय भाषा में कहना चाहिए कि ये लोग शारीरिक दृष्टि से संतान प्राप्ति के योग्य नहीं होते । बिना किसी आधुनिक जांच के Read more…

कुंडली से रोजगार का चुनाव

कुंडली से रोजगार का चुनाव अपनी योग्यताओं और क्षमताओं के अनुसार व्यक्ति अपनी आजीविका के साधन को चुनता है। इसके बावजूद कई बार उसे अपने व्यवसाय में परिवर्तन करना पड़ता है। इसके कई कारण हैं, लेकिन प्रमुख कारण है अपने अनुकूल या लाभदायक व्यवसाय का चयन न कर पाना। लगभग Read more…

कुंडली से जीवनसाथी का चुनाव

कुंडली से जीवनसाथी का चुनाव भारतीय समाज में विवाह को एक प्रमुख संस्कार माना गया है। इसके बिना जीवन को अपूर्ण समझा जाता है। अब से कुछ वर्षों पहले तक एक निश्चित आयु में अभिभावक अपनी संतान के विवाह को संपन्न करने के प्रयास में लग जाते थे। अधिसंख्य विवाह Read more…

कुंडली से सुंदरता का आंकलन

कुंडली से सुंदरता का आंकलन सुंदरता तो देखने वाले की आंखों में होती है। वर्तमान में इस मुहावरे के क्या मायने हैं, यह किसी से छिपा नहीं है । अब सुंदरता के मापदंड बदल गए हैं या तय हो गए हैं। यद्यपि माना जाता है कि सौंदर्य का दर्जा गुणों Read more…