केतु रत्न लहसुनिया

केतु रत्न लहसुनिया केतु-रत्न या लहसुनिया को लहसनिया, संस्कृत में सूत्रमणि अथवा वैदूर्य, फारसी में वंडर तथा अंग्रेजी में ‘कैट्स आई स्टोन’ (Cat’s Eye Stone) कहते हैं। इस मणि में सफेद धारियाँ पाई जाती हैं । दो, तीन अथवा चार धारियाँ होना साधारण बात है । परन्तु उत्तम कोटि का Read more…

राहु रत्न गोमेदक

राहु रत्न गोमेदक गोमेदक प्रमुखतः राहु का रत्न माना गया है। इसे फारसी में मेदक तथा अंग्रेजी में झिरकान (Zircon) कहते हैं। इसका रंग पीला-पीला-सा गोमूत्र के समान होता है, साथ ही इसमें श्यामला मिश्रित मधु की झाई भी दिखाई दे जाती है। यह अधिकतर चीन, बर्मा, अरब, सिंधु नदी Read more…

शनि रत्न नीलम

शनि रत्न नीलम नीलम शनिदेव का प्रधान रत्न है। इसे संस्कृत में इन्द्रनीलमणि, हिन्दी में नीलम, फारसी में नीलविल याकूत और अंग्रेजी भाषा में सेफायर टरग्यूज (Sapphire Turguese) कहते हैं। अधिकतर नीलम हिमालय, विन्ध्य, आबू पर्वतों के अंचल में, लंका, काबुल, जावा आदि की ओर मिलता है । प्रत्येक वर्ण Read more…

शुक्र रत्न हीरा

शुक्र रत्न हीरा संस्कृत में इसे वज्रमणि या इन्द्रमणि, हिन्दी में हीरा, फारसी में अलिमास और अंग्रेजी में डायमण्ड (Diamond) कहते हैं । यह रत्न-राज कहलाता है, क्योंकि अन्य समस्त रत्नों में यह दुर्लभ और कीमती होता है । समस्त देवतागण इसे धारण करते हैं। भाग्यवान देशों में ही इसकी Read more…

बृहस्पति रत्न पुखराज

बृहस्पति रत्न पुखराज संस्कृत में इसे पुष्पराग, हिन्दी में पुखराज या पुषराज, फारसी में जर्द याकूत, अंग्रेजी भाषा में टोपे (Topay) कहते हैं। यह मुख्यतः लंका, उड़ीसा तथा बंगाल के अंचलों में, ब्रह्मपुत्र के आसपास और विन्ध्य तथा हिमालय पहाड़ के अंचल में पाया जाता है । यह मुख्यतः पाँच Read more…

बुध रत्न पन्ना

बुध रत्न पन्ना पन्ना बुध ग्रह का रत्न कहा गया है। इसे संस्कृत में मरकत मणि, फारसी में जमरन, हिन्दी में पन्ना और अंग्रेजी में एमराल्ड (Emerald) कहते हैं। इसका रंग हरा होता है तथा अधिकतर दक्षिण महानदी, हिमालय, गिरनार और सोमनदी के पास पाया जाता है। इस रत्न को Read more…

मंगल रत्न मूंगा

मंगल रत्न मूंगा इसे संस्कृत में विद्रुम, फारसी में मिरजान और अंग्रेजी में कोरल (Coral) कहते हैं । इसका स्वामी मंगल है। हिमालय पहाड़ और मानसरोवर के पास यह पाया जाता है। मूँगा मुख्यतः चार रंग का होता है -लाल, सिन्दूरी, हिंगुले के रंग-सा और गेरुआ। मूंगे के गुण प्रत्येक Read more…

चंद्र रत्न मोती

चंद्र रत्न मोती मोती को संस्कृत में मुक्तक कहते हैं। चन्द्रमा इसका स्वामी है तथा इसके धारण करने से चन्द्रमा सम्बन्धी दोष नष्ट हो जाते हैं । 1. गजमुक्तक: यह मोती संसार में सर्वश्रेष्ठ होते हैं तथा कठिनता से प्राप्त होते हैं। जिन हाथियों का जन्म पुष्य या श्रवण नक्षत्र Read more…

सूर्य रत्न माणिक

सूर्य रत्न माणिक माणिक, माणक या माणिक्य को संस्कृत में पदमराग कहते हैं। फारसी में इसे याकूत, उर्दू में चुन्नी और अंग्रेजी में रूबी (Ruby) कहते हैं। यह मुख्यतः तीन प्रकार के पत्थरों से निष्पन्न होता है । सौगन्धिक पत्थर से उत्पन्न माणिक भ्रमर के रंग के समान होता है, Read more…