ग्रहों के प्रभाव
- कुंडली में सूर्य का प्रभाव
- कुंडली में चंद्र का प्रभाव
- कुंडली में मंगल का प्रभाव
- कुंडली में बुध का प्रभाव
- कुंडली में बृहस्पति का प्रभाव
- कुंडली में शुक्र का प्रभाव
- कुंडली में शनि का प्रभाव
- कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव
फलित ज्योतिष
- पुरुष कुंड्ली फल
- स्त्री कुंड्ली फल
- कुंड्ली में संतान व पुत्र योग
- कुंड्ली में विवाह योग
- कुंड्ली में स्वास्थ्य एवम रोग योग
- कुंड्ली में विद्या एवम नौकरी योग
- कुंडली में वाहन एवम मकान योग
- कुंडली में व्यापार एवम कारोबार रोजगार योग

ज्योतिष और धन
- पाराशरीय धनदायक योग
- लग्नो के विशेष धनादायक ग्रह
- धन प्राप्ति में लग्न का महत्त्व
- विपरीत राजयोग से असाधारण धन
- नीचता भंग राजयोग
- अधियोग से धनप्रप्ति
- स्वामिदृष्ट भाव से धनप्रप्ति
- कारकाख्ययोग से धनप्रप्ति
- सुदर्शन तथा धनबाहुल्य
- शुक्र और धन
- व्यव्साय चुनने की पध्दति
- धन हानि योग
रत्न ज्योतिष
- सूर्य रत्न माणिक
- चंद्र रत्न मोती
- मंगल रत्न मूंगा
- बुध रत्न पन्ना
- बृहस्पति रत्न पुखराज
- शुक्र रत्न हीरा
- शनि रत्न नीलम
- राहु रत्न गोमेदक
- केतु रत्न लहसुनिया
ग्रह गोचर
- महादशा फल
- दशाफल कहने के नियम
- अन्तर्दशा फल कहने के नियम
- गोचर विचार
- गोचर फलादेश के सिद्धान्त
- गोचर ग्रहों का भ्रमण का फल
- शनि की साढ़े साती – एक विवेचन
ग्रह शांति प्रयोग
- ज्योतिष तथा कर्म
- भक्ति द्वारा ग्रह शांति
- मंत्र द्वारा ग्रह शांति
- व्रत द्वारा ग्रह शांति
- दान द्वारा ग्रह शांति
- यंत्र द्वारा ग्रह शांति
- रत्नों द्वारा ग्रह शांति
- रंगों द्वारा ग्रह शांति
- औषधियों द्वारा ग्रह शांति
- ग्रहों की विशेषताएं
- रोग के लिये ग्रह शांति प्रयोग
- विवाह के लिये ग्रह शांति के प्रयोग
- विविध ग्रह शांति प्रायोग
ज्योतिष सीखें
- कुंडली का सामान्य फलित
- लग्न और लग्नेश
- नव ग्रहों के कारकत्व
- सूर्य लग्न, चंद्र लग्न और उदय लग्न के बलाबल
- अस्त ग्रह
- दशाफल
- कुंड्ली का वर्गीकृत फलित
- कुंडली से सुंदरता का आंकलन
- कुंडली से जीवनसाथी का चुनाव
- कुंडली से रोजगार का चुनाव
- संतान और संतान सुख
- कुंडली से रोगों का निर्णय
- रहस्यमय ग्रह है शनि
- आयु के कारक भाव और ग्रह
- भाग्योदय कब होगा ?
- राजयोग कैसे बनते हैं ?
- गोचर से फलित कैसे करें ?
हस्तरेखा विज्ञान
- हाथों की बनावट और प्रकार
- अंगूठे की बनावट और प्रकार
- हाथ की रेखाएं
- पर्वत उनकी स्थितियां व विशेषताएं
- उंगलियां एवं उंगलियों के जोड़
- नाखूनों द्वारा स्वभाव का ज्ञान
- जीवन रेखा
- हृदय रेखा
- मस्तिष्क रेखा
- भाग्य रेखा
- सूर्य रेखा
- विवाह रेखा और सन्तान रेखा
- स्वास्थ्य रेखा
- नक्षत्र चिह्न
- गुणन चिह्न
- बृहत् त्रिकोण और चतुष्कोण
- यात्रा रेखा | दुर्घटना रेखा
- हत्या | आत्महत्या करने वालों का हाथ
- पागलपन की विभिन्न अवस्थाएं
- समय विभाजन की विधि
- हाथ किस प्रकार देखना चाहिये
हस्तरेखा शास्त्र