कुंडली के ग्यारहवें भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के ग्यारहवें भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश एकादश भाव जन्मकुण्डली में अपना ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि मानव-जीवन सुचारु रूप से तभी चल सकता है, जबकि मानव के पास आय के अच्छे स्रोत हो। यदि Read more…

कुंडली के दसवें भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के दसवें भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश ज्योतिष ग्रन्थों में दशम भाव को सर्वाधिक महत्ता दी गई है, क्योंकि जीवन का आधार कर्म है और कर्म का हेतु दशम भाव है, इसलिए दशम का सूक्ष्म विवेचन Read more…

कुंडली के नवें भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के नवें भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश वस्तुतः नवम भाव कुण्डली का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाव है, क्योंकि मानव का आधार उसका भाग्य है । यद्यपि शास्त्रों में पुरुषार्थ को महत्ता प्रदान की है, परन्तु भाग्य के Read more…

कुंडली के आठवें भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के आठवें भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश लग्न से आठवाँ स्थान अष्टम भाव कहलाता है। इस भाव से उम्र, पुरस्कार, बिना कमाया हुआ धन, लाटरी, मृत्यु का कारण, मृत्यु का समय, अवनति, राज्यभंग तथा मृत्यु के Read more…

कुंडली के सातवें भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के सातवें भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश कुण्डली के बारहों भाव की रचना महर्षियों ने बहुत सोच-विचार कर की है, लेकिन संसार में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है – मानव के स्वयं का अस्तित्व । यदि वह स्वयं Read more…

कुंडली के छठे भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के छठे भाव में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश षष्ठ भाव से मुख्यतः रोग, शत्रु, व्यसन, चोट, घाव, एक्सीडेंट, बीमारी, मानसिक असन्तुलन, माता का दुर्भाग्य, पुत्र एवं भाई का दुर्भाग्य आदि का विचार किया जाता है। ऋण एवं Read more…

कुंडली के पांचवें भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

कुंडली के पांचवें भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश जन्मकुण्डली में पंचम भाव का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह पहला त्रिकोण स्थान है। दूसरे यह कि इस भाव से विद्या व शिक्षा का अध्ययन किया जाता है। चूंकि Read more…

चौथे भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

चौथे भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश   चौथा भाव कुण्डली के बारह भावों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि जीवन का आनन्द, मुख-शांति, मस्तिष्क-मुख आदि का आधार यही भाव है। फलस्वरूप ज्योतिष के विद्यार्थियों को Read more…

तीसरे भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

तीसरे भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश जातक की कुण्डली में तीसरा भाव उसकी आत्मा के रूप में होता है, क्योंकि बिना आत्मा या बल के शरीर मृतवत् है, ठीक उसी प्रकार बिना बली तृतीय भाव के जातक Read more…

दूसरे भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश

दूसरे भाव  में सभी ग्रहों और राशियों का फलादेश कुण्डली का द्वितीय भाव भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस भाव से संचित द्रव्य, पैत्रिक धन, कुटुम्ब मित्र, भाषण कला, सुख भोग, संचित पूँजी, मुत्यु के कारण, मृत्यु का स्थान आदि Read more…