भावर्थ रत्नाकर | नियम अध्याय
भावर्थ रत्नाकर | नियम अध्याय नियम १ : जिन भावों के स्वामी उन भावों के कारकों के साथ संयुक्त हों, उनकी वृद्धि होती है। (अध्याय १२, श्लोक १) नियम २ : कोई भी कारक ग्रह यदि उस भाव में स्थित हो जिसका कि वह कारक है तो उस भाव का Read more…