दशा और गोचर

दशा और गोचर दशा उस पद्धति का नाम है जिसमें जन्मकालीन चन्द्राधिष्ठित नक्षत्र के स्वामी की अवधि के अनुसार जन्मकालीन ग्रह की दशा का निर्णय किया जाता है और तदनन्तर क्रमानुसार अन्य ग्रहों की दशाओं को निर्धारित किया जाता है। स्पष्ट है कि दशा का निर्णय जन्मकालीन स्थिर ग्रह स्थिति Read more…

दशाफल रहस्य

दशाफल रहस्य दशा के सम्बन्ध में शास्त्रों की कुछ बातें यहाँ लिखी जा रही हैं ताकि पाठक दशाभुक्ति का ठीक-ठाक फल कह सकें। 1. जो ग्रह आधिपत्य के कारण शुभ श्रेणी में है वह जितना अधिक बलवान् होगा उतना ही वह अपनी दशा अथवा भुक्ति में अधिक शुभ फल करेगा। Read more…

अन्तर्दशा की घटनाओं का निर्णय – 2

अन्तर्दशा की घटनाओं का निर्णय घटनाओं का स्वरूप भुक्तिनाथ तथा दशानाथ से पीड़ित अंगों द्वारा इस विषय का एक और नियम यह है कि वे भाव आदि दो अंग जो पापी दशानाथ तथा पापी भुक्तिनाथ दोनों से प्रभावित हों, अपने स्वरूप से घटनाओं के अनिष्ट स्वरूप को दर्शायेंगे। इस सिद्धांत Read more…

अन्तर्दशा की घटनाओं का निर्णय – 1

अन्तर्दशा की घटनाओं का निर्णय भुक्तिनाथ की स्थिति के द्वारा गत अध्याय में हमने इस बात का अध्ययन किया कि कुण्डली के शुभ अथवा योगकारक ग्रहों का निश्चय एक ही श्रेणी की अधिक संख्या में विद्यमान लग्नों से किया जाना चाहिए। ऐसी लग्नों से निर्धारित किया हुआ शुभ अथवा योगकारक Read more…

दशाफल देखने के लिये सुदर्शन का प्रयोग

दशाफल देखने के लिये सुदर्शन का प्रयोग इस अध्याय में हम विंशोत्तरी दशा का प्रयोग कुण्डली में करने के लिए निर्दिष्ट नियमों में सबसे आवश्यक और मौलिक नियम का उल्लेख करने जा रहे हैं और वह नियम है सुदर्शन का नियम। हम यह बात भली प्रकार जानते हैं कि केन्द्र Read more…

लग्नों के शुभ अशुभ ग्रह

लग्नों के शुभ अशुभ ग्रह ग्रहों की दो श्रेणियाँ विख्यात हैं। पहली श्रेणी में नैसर्गिक शुभ ग्रह – गुरु, शुक्र, बुध और चन्द्र हैं और दूसरी श्रेणी में नैसर्गिक पाप ग्रह सूर्य, मंगल, शनि, राहु तथा केतु । परन्तु ग्रहों का यह वर्गीकरण ‘विंशोत्तरी दशा’ में काम नहीं देता या Read more…

दशाफल देखने के लिये कुछ अनुभूत सूत्र

दशाफल देखने के लिये कुछ अनुभूत सूत्र यहॉ हम ग्रहों की दशा-अन्तर्दशा के सम्बन्ध में उन विशेष बातों का उल्लेख करेंगे जो अध्ययन तथा अनुभव में आयी हैं :- सूर्य (1) यह तो आप जानते हैं कि ग्रहों में सूर्य सबसे बड़ा ग्रह है। यह ग्रह जिस सम्बन्धी आदि के Read more…

ज्योतिष के मौलिक नियम

ज्योतिष के मौलिक नियम हम समझते हैं कि पाठक ज्योतिष के मौलिक नियम से अनभिज्ञ न होंगे तो भी इस विचार से कि दशाफल कथन को समझने में अधिक से अधिक सुविधा हो हम ज्योतिष के आवश्यक नियम बहुत संक्षेप में निम्न पंक्तियों में दे रहे हैं :- 1. सूर्य, Read more…