मूलांक 3 का स्वामी गुरु या बृहस्पति है। जो व्यक्ति 3, 12, 21 या 30 तारीख को पैदा हुए हों उनका मूल अंक 3 होता है। पाश्चात्य मत के अनुसार 19 फरवरी से 21 मार्च तक और 21 नवम्बर से 21 दिसम्बर तक के बीच के समय में तथा भारतीय मत से 15 दिसम्बर से 13 जनवरी तथा 14 मार्च से 12 अप्रैल के बीच जिनका जन्म होता है, उन पर बृहस्पति का प्रभाव रहता है। जो व्यक्ति इस काल में उपरोक्त तारीखों को पैदा होते हैं उन पर बृहस्पति का विशेष प्रभाव रहता है या पड़ता है।
3 अंक वाले व्यक्ति अनुशासन में कठोर होते हैं। फौज या किसी सरकारी विभाग में अध्यक्ष हों तो अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों से बहुत सख्ती से काम लेते हैं। काम में ढील या शिथिलता बर्दाश्त नहीं करते और इतनी सख्ती से काम लेते हैं कि अधिनस्थ व्यक्ति ही इनके शत्रु हो जाते हैं। यह लोग बहुत महत्वाकांक्षी और शासन करके हुकूमत करने की इच्छा रखने वाले होते हैं।
ऐसे जातक महत्वाकांक्षी होते हैं, और दूसरों पर शासन करने की इनकी सहज इच्छा रहती है। गुरु ग्रह के प्रभाववश इनकी विचारधारा धार्मिक रहेगी तथा विद्या, अध्ययन, अ यापन, बौद्धिक स्तर के कार्य तथा धर्म-कर्म के क्षेत्र में इनको अच्छी उपलब्धियाँ एवं प्राप्त होती है।
मानसिक रूप से ये काफी संतुलित एवं विकसित व्यक्ति होंगे तथा किसी भी विषय को समझने की इनमें विशेष क्षमता रहेगी। तर्क एवं ज्ञान शक्ति इनकी अच्छी रहेगी। यह मन से किसी का भी अहित नहीं करेंगे और दूसरों की भलाई करने में भी अपना समय देते रहेंगे। दान-पुण्य के कार्य भी ये काफी करते हैं । सामाजिक स्थिति इनकी काफी अच्छी रहेगी। समाज में ये अग्रणी एवं मुखिया पद का निर्वहन करना अधिक पसन्द करेंगे। दूसरों को सच्ची सलाह देना अपना धर्म समझेंगे ।
ऐसे जातक स्वभाव से शान्त, कोमल हृदय, मृदुवाणी एवं सत्यवक्ता होते हैं। सत्य के मार्ग पर चलते हुये कष्टों को भी सहन करेंगे एवं अन्त में विजयश्री को प्राप्त करेंगे। स्वास्थ्य इनका साधारणतः अनुकूल ही रहता है। लेकिन कभी-कभी मदाग्नि, जठराग्नि, उदर विकार इत्यादि रोगों का सामना करना पड़ता है।
अंक 3 के अन्तर्गत जन्मे जातक भी अंक 1 के अन्तर्गत जन्मे जातको की भांति ही निशचित ही महत्वाकांक्षी होते है। ये कभी भी अधिनस्थ रहकर प्रसन्न नही रहते इनका मुख्य उद्देश्य उन्नती करके विश्व में नाम कमाना ओर दूसरों पर नियंत्रण तथा आधिपत्य जमाना होता है।
ऐसे जातक अपने अधिनस्थों से अपने आदेशों का पालन कराने के अद्भुत क्षमता रखते है। ये सभी बातों में अनुशासन और व्यवस्था रखना पंसद करते हैं ये लोग स्वयं भी शीघ्रता से आदेशों का पालन करते हैं और चाहते है कि इनके आदेशों का भी तुरंत पालन हो ।
इस अंक के जातक जो भी कार्य क्षेत्र चुने अथवा रोजगार व्यवसाय अपनाए उसमें उच्च शिखर पर पहुँचते है। सेना या जल सेना सरकारी नौकरी अध्यन अध्यापन धार्मिक कृत्य और सामान्य जीवन में विशेष सफल रहते है। विश्वसनीयता वाले वाले एवं उत्तरदायित्व के पदों पर इनकी पूरी धाक जमती है। क्योंकि अपने कर्त्तव्य पालन के प्रति ये लोग बहुत अधिक निष्ठावान होते है।
ऐसे जातको में कुछ कमजोरिया भी होती है। इन लोगों में तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ जाती है और स्वयं कानून बनाने लग जाते हैं और उन कानूनों का पालन कराने के लिए अड़ जाते हैं। इनका प्रयास यही रहता है कि इनके विचारों को ही क्रियात्मक रूप प्रदान किया जाए। इसी कारण से ये झगड़ालु प्रकृति के ना होते हुए भी आसानी से अपने शत्रु बना लेते हैं। ये जातक बड़े स्वाभिमानी किस्म के होते है। इसलिए किसी का भी किसी भी तरह का एहसान लेने से कतराते हैं। ये पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते है और जरा से भी प्रतिबंध से क्रोधित हो जाते हैं।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल समय
सूर्य 21 नवंबर से 20 दिसंबर तक धनु राशि में एवं 19 फरवरी से 20 मार्च तक मीन राशि में तथा 21 जून से 20 जुलाई तक कर्क राशि में, पाश्चात्य मत से रहता है। भारतीय मत से यह 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक धनु में एवं 14 मार्च से 12 अप्रैल तक मीन राशि में तथा 16 जुलाई से 16 अगस्त तक कर्क राशि में रहता है। धनु एवं मीन राशियां गुरु का स्वस्थान अथवा अपना घर है। कर्क राशि गुरु का उच्च स्थान है। अतः उपयुक्त समय में मूलांक 3 द्वारा प्रभावितों के लिए सबसे अधिक प्रभावकारी एवं लाभप्रद समय रहता है। इस काल में कोई भी नया कार्य, महत्वपूर्ण कार्य इत्यादि करना इनके लिए विशेष योग कारक रहता है।
मूलांक 3 के लिये प्रतिकूल समय
इनके लिए माह जनवरी एवं जुलाई किसी भी नये कार्य को प्रारंभ करने हेतु अनुकूल नहीं रहते। इन मासों में इनके कार्यों में रुकावटें आएंगी तथा स्वास्थ्य में क्षीणता उत्पन्न होगी, आलस्य बढ़ेगा, व्यर्थ की परेशानियां तथा भाग-दौड़ बढेगी । अतः इस समय में ध्यान रखना उचित रहेगा ।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल दिवस
गुरुवार, शुक्रवार, मंगलवार के दिन इनके लिए विशेष शुभ फलदायक रहते हैं। यदि इनकी अनुकूल तारीखों में से ही किसी तारीख को गुरुवार, शुक्रवार, मंगलवार पड़ रहा हो तो ऐसा दिन इनके लिए अधिक अनुकूल तथा श्रेष्ठ फलदायक होता है।
मूलांक 3 के लिये शुभ तारीखें
मूलांक 3 के लियेकिसी भी अंग्रेजी माह की 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27 एवं 30 तारीखें किसी भी नये कार्य को प्रारंभ करने, महत्वपूर्ण या विशिष्ट व्यक्तियों से मिलने, पत्र इत्यादि लिखने हेतु शुभ रहती हैं। अतः यदि यह उपयुक्त तारीखों में कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करते हैं तो शीघ्र सफलता मिलती है।
मूलांक 3 के लिये अशुभ तारीखें
इनको किसी भी अंग्रेजी माह की 4, 8, 13, 17, 22, 26 एवं 31 तारीखें प्रतिकूल हो सकती हैं। अतः कोई भी नया कार्य, महत्वपूर्ण कार्य, उपर्युक्त तारीखों में संपन्न न करना इनके लिए हितकर रहेगा ।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल साझेदारी ऐवम मित्रता
यह ऐसे व्यक्तियों से मित्रता या साझेदारी स्थापित करें, जिनका जन्म 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24 27 एवं 30 तारीखों में, अथवा 15 दिसंबर से 13 जनवरी, 13 मार्च से 13 अप्रैल एवं 16 जुलाई से 16 अगस्त के बीच हुआ हो। ऐसे व्यक्ति इनके लिए अनुकूल सहयोगी तथा विश्वासपात्र सिद्ध होते हैं। इस प्रकार के व्यक्तियों से इनकी मित्रता स्थायी एवं दीर्घ रहेगी तथा वे रोजगार, व्यवसाय साझेदारी आदि में सहायक रहते हैं।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल विवाह ऐवम प्रेम संबंध
इनके लिए विवाह या प्रेम संबंध स्थापित करते समय यह देखना लाभप्रद रहेगा कि उस महिला का मूलांक 3, 6 या 9 हो, अथवा ऐसी महिला का जन्म किसी भी अंग्रेजी मास की 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27 या 30 तारीख को हुआ हो। इन दिनांकों में जन्मी स्त्रियां इनके लिए विशेष फलदायी और अच्छा साथ निभाने वाली रहेंगी ।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल रंग
इनके लिए अनुकूल रंग हल्का गुलाबी, चमकीला गुलाबी है। गुलाबी भी पूरा गुलाबी नहीं, बल्कि हल्का गुलाबी होना चाहिए । अतः यह अपने ड्रॉइंग रूम के पर्दे, चादर, तकिये, बिछावन आदि इसी रंग के लें। हो सके तो इस रंग का रुमाल तो हर समय रखें स्वास्थ्य की क्षीणता के समय भी यह हो सके तो इसी रंग के वस्त्र पहनें, जिससे इनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
मूलांक 3 के लिये अनुकूक वास्तु एवं निवास

नमस्कार । मेरा नाम अजय शर्मा है। मैं इस ब्लाग का लेखक और ज्योतिष विशेषज्ञ हूँ । अगर आप अपनी जन्मपत्री मुझे दिखाना चाहते हैं या कोई परामर्श चाहते है तो मुझे मेरे मोबाईल नम्बर (+91) 7234 92 3855 पर सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद ।
इनके लिए ऐसे मकान में रहना शुभ रहेगा जिसका मूलांक या नामांक 3 हो। ईशान कोण दिशा इनके लिए हमेशा शुभ रहेगी। अतः ये शहर की ईशान कोण दिशा में अपना निवास बना सकते हैं। इस दिशा में रोजगार – व्यापार संबंधी कार्य करना शुभ रहेगा। पहनने के वस्त्रों का चुनाव करते समय, भूरे, पीले, सुनहरी रंगों के होने से इनके व्यक्तित्व में निखार आएगा और यदि दीवारें, पर्दे, फर्नीचर का रंग भी ऐसा ही रखें तो इनके पारिवारिक वातावरण में खुशहाली आएगी।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल वाहन, यात्रा, होटल
ऐसे जातक यात्रा के दौरान कमरा इत्यादि बुक करवाते हैं, तो इनको चाहिए कि कमरे का नंबर इनके मूलांक या मूलांक के मित्र अंक से मेल रखने वाले अंकों का रहे। इनका मूलांक 3 है। मूलांक के मित्र अंक 6, 9 रहेंगे। इनके कमरे का नंबर 102 = 3 इत्यादि होना चाहिए और यदि ये वाहन आदि का पंजीकरण इत्यादि करवाते हैं, तब उसके लिए भी शुभ अंक 5232 = 3 रहेंगे। इनके लिए यही अंक यात्रा के वाहन के रहेंगे, तो इनकी यात्रा सुखमय कहलाएगी।
मूलांक 3 के लिये स्वास्थ तथा रोग
जब भी इनके जीवन में रोग की स्थिति आएगी तब इनको चर्म रोग, दाद, खाज, खुजली, प्रमेह, ज़हरवाद, पित्त प्रकोप, शूल रोग, स्नायु निर्बलता, मानसिक उद्वेग, गुप्तेंद्रिय शैथिल्य, भोग के प्रति अरुचि, रक्त दोष जैसे रोग होंगे। रोग, अशुभता, कष्ट और विपत्ति के समय इनको विष्णु उपासना, पूर्णिमा व्रत, सत्यनारायण व्रत कथा श्रवण करना चाहिए ।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल व्यवसाय
इनके लिए वस्त्र उद्योग, ढाबे, रेस्टोरेंट, होटल, पान की दुकान, अध् यापन, उपदेशक, व्याख्याता प्राध्यापक राजदूत, मंत्री, कानून के सलाहकार, वकील, न्यायाधीश, सचिव, दूत कार्य, क्लर्क, चिकित्सा कार्य, बैंकिंग के कार्य, दलाल, आढ़त, विज्ञापनकर्ता, अभिनेता, सेल्समैन, टाइपिस्ट, स्टेनो, जल जहाज में कार्यकर्ता, पुलिस विभाग, दर्शनशास्त्री, ज्योतिष प्रबंधक एवं जलीय व्यापार आदि के क्षेत्र में रोजगार, व्यापार करना हितकर रहेगा।
मूलांक 3 के लिए अनुकूल रत्न
पुखराज इनके लिए मुख्य रत्न है। यदि पुखराज न मिले तब ये सुनेला टाईगर आई, पीला हकीक धारण कर सकते हैं। इसे सोने की अंगूठी में चार से पांच रत्ती का बनवा कर दायें हाथ की तर्जनी उंगली को स्पर्श करता हुआ धारण करें।
मूलांक 3 के लिए जड़ी बूटी धारण
गुरुवार के दिन एक इंच लंबी नारंगी या केले की जड़ ला कर पीले धागे में लपेट कर, दाहिने हाथ में बांधे या स्वर्ण अथवा पीतल के ताबीज में भर कर गले में धारण करें। इससे गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होंगे तथा शुभ प्रभावों में वृद्धि होगी ।
मूलांक 3 के लिए हर्बल (औषधि) स्नान
इनके लिए प्रत्येक गुरुवार को एक बाल्टी या बर्तन में मुलेठी, सफेद सरसों तथा मालती के फूल आदि औषधियों का चूर्ण कर पानी में डाल कर स्नान करना सभी प्रकार के रोगों से मुक्तिदायक रहेगा। हर्बल स्नान से इनकी त्वचा की कांति में वृद्धि होगी । अशुभ गुरु का प्रभाव क्षीण हो कर इनके तेज एवं प्रभाव में वांछित लाभ देगा।
सभी ग्रहों की शांति के लिए ऐसे जातक कूट, खिल्ला, कांगनी, सरसों, देवदारू, हल्दी, सर्वोषधि तथा लोध इन सबको मिला कर, चूर्ण कर किसी तीर्थ के पानी में मिला कर भगवान का स्मरण करते हुए स्नान करें, तो सभी ग्रहों की शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त होगी ।
मूलांक 3 के लिए दान पदार्थ
गुरु की शांति के लिए योग्य व्यक्ति को गुरु के पदार्थ, पीला वस्त्र, सोना, हल्दी, घृत, पीले पुष्प, पीला अन्न, पुखराज, अश्व, पुस्तक, मधु, लवण, शर्करा, भूमि, छत्र आदि का दान करना लाभप्रद रहेगा।
मूलांक 3 के लिये अनुकूल देवता ऐवम मंत्र
ऐसे जातक बृहस्पति ग्रह की उपासना करें अथवा विष्णु भगवान की आराधना करें। भगवान विष्णु के द्वादशाक्षरी मंत्र ‘ओम् नमो भगवते वासुदेवाय’ का नित्य जप करें। प्रतिदिन कम से कम एक सौ आठ मंत्र का जप करें तथा पूर्णमासी के दिन सत्यनारायण कथा का श्रवण करेंगे तो इस क्रिया को करने पर ये विभिन्न रोगों और समस्याओं से मुक्त होंगे। यदि यह संभव न हो सके तो भगवान विष्णु के चित्र का नित्य प्रातः दर्शन करें।
व्रतोपवास – बृहस्पतिवार को बृहस्पति अरिष्ट दोष निवारण हेतु व्रत करें। बृहस्पतिवार को पीले वस्त्र धारण कर व्रत करें। पीला भोजन ग्रहण करें एवं पीले पदार्थों का दान करें। यह व्रत तीन वर्ष, एक वर्ष या सोलह बृहस्पतिवारों को करें । यथाशक्ति पुत्रजीवी की माला पर गुरू मंत्र का जप करें।
गायत्री मंत्र – इनके लिए गुरु के शुभ प्रभावों की वृद्धि हेत गुरु के गायत्री मंत्र का प्रातः स्नान के बाद ग्यारह, इक्कीस या एक सौ आठ बार जप करना लाभप्रद रहेगा ।
ॐ अंगिरसाय विद्महे दिव्य-देहाय धीमहि तन्नौः जीवः प्रचोदयात् ।।
ध्यान मंत्र – प्रातः काल उठ कर ऐसे जातक गुरु का ध्यान करें, मन में गुरु की मूर्ति प्रतिष्ठित करें और तत्पश्चात् निम्न मंत्र का पाठ करें।
देवानां च ऋषीणां च गुरुं कांचनसन्निभम् । बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ।।
ग्रह मंत्र – अशुभ गुरु को अनुकूल बनाने हेतु गुरु के मंत्र का जप करना चाहिए। नित्य कम से कम एक माला एक सौ आठ जप करने से वांछित लाभ मिल जाते हैं। पूरा अनुष्ठान सौ माला का है।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः । जप संख्या 10000 ।
अंक ज्योतिष
- अंकों की उत्पत्ति
- अंको की रहस्यमयी शक्ति
- मूलांक 1 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 2 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 3 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 4 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 5 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 6 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 7 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 8 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- मूलांक 9 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
- अंक ज्योतिष से भाग्यशाली नाम का चुनाव
- अंक कुण्डली
- मूक प्रश्न
- अंक ज्योतिष से खोजें खोई हुई वस्तु
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