मूल अंक 7 का स्वामी नेपच्यून ग्रह है। इसका भारतीय नाम वरूण है तथा केतु के रूप में भी जाना जाता है। 7, 16 और 25 तारीखों में जन्मे व्यक्तियों का मूल अंक 7 होता है। नेपच्यून जल प्रधान ग्रह है, और चन्द्रमा भी जल प्रधान ग्रह है। इस कारण 2 और 7 अंक में मित्रता है। 7 अंक वालों को 2, 11, 20 और 29 तारीखों में पैदा हुए व्यक्तियों के साथ अच्छी मित्रता निभ जाती है। 7 अंक वाले व्यक्ति कल्पनाशील होते हैं और इन्हें चित्रकला तथा कविता में विशेष सफलता प्राप्त होती है। आर्थिक सफलता इन्हें विशेष नहीं मिलती और धन संग्रह में भी सफल नहीं होते।

यात्रा करना, घूमना फिरना, सैर सपाटे करना इन्हे अच्छा लगता है। दूसरों के मन की बात समझने की शक्ति इनमें विशेष होती है। धार्मिक मामलों में यह रूढ़िवादी और लकीर के फकीर नहीं होते । आयात-निर्यात के काम में ओर समुद्री जहाज नौ सैना आदि के काम में सफलता प्राप्त करते हैं। 7 मूल अंक वाली स्त्रियों का विवाह धनी घरों में होता है।

अंक सात का अधिष्ठाता भारतीय मतानुसार केतु एवं पाश्चात्य मतानुसार नेपच्यून ग्रह को माना गया है। इन ग्रहों के थोड़े-बहुत प्रभाव इनके ऊपर रहते हैं। मूलांक सात के प्रभाववश इनके अन्दर कल्पना शक्ति की मात्रा अधिक रहेगी । काव्य रचना, गीत-संगीत सुनना, दूरदर्शन देखना इनकी अभिरूचि में समाहित रहता है।

ललित कलाओं, लेखन, साहित्य आदि में इनकी रूचि रहती है। आर्थिक सफलतायें इनको अधिक नहीं मिलेंगी तथा धन संग्रह करना भी इनको मुश्किल लगेगा। यात्रा, पर्यटन, सैर-सपाटा इत्यादि इनको विशेष अच्छा लगता है।

दूसरों के मन की बात समझने में ये निपुणता हासिल करते हैं एवं सामने वाले को अपनी ओर आकृष्ट करने की विशेष शक्ति भी इनके अन्दर रहती है। धर्म के क्षेत्र में ये परिवर्तनशील विचारधारा के रहेंगे एवं पुरानी रूढ़ियों, रीतियों में अधिक रूचि नहीं लेंगे। इनको ऐसे रोजगार – व्यापार पसन्द आयेंगे जिनमें यात्रायें होती रहती हों तथा दूर-दूर के देशों से सम्पर्क बना रहे। यह ऐसा ही रोजगार चुनेंगे जिनमें यात्रा के अवसर मिलते रहें ।

अतीन्द्रिय ज्ञान की अधिकतावश जहाँ ये दूसरों के मन की बात को जान जायेंगे वहीं इनको स्वप्न भी अद्भूत प्रकार के आते रहेंगे। इनको विदेशों से जहाज, मोटर इत्यादि वाहनों से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।

प्रकृति से चंचल होने के कारण इन व्यक्तियों को यात्राओं और परिवर्तन से प्रेम होता है। यदि इनको अपनी इच्छा पूर्ति का अवसर प्राप्त हो तो ये विदेश की यात्राएं करते हैं और दूर देशों की जानकारी के मामले में गहरी रूचि रखते हैं। ये यात्रा पर पुस्तकें लिखते हैं। तथा विश्व का ज्ञान रखते हैं ।

मूलांक 7 के व्यक्ति प्रायः अच्छे लेखक चित्रकार अथवा कवि होते हैं । किन्तु ये कोई भी कार्य करें उसमें देर-सबेरे इनकी विशिष्ट दार्शनिकता का पुट झलकने लगता है।

इन व्यक्तियों की रुचि जीवन की भौतिक वस्तुओं में कम रहती है। ये व्यक्ति प्रायः अपने मौलिक विचारों अथवा व्यापारिक तरीकों से धन अर्जित करते हैं, और अर्जित धन में से कुछ धन संस्थाओं को दान भी करते हैं। इस अंक की महिलाओं का जीवन अच्छा रहता है, क्योंकि ये भविष्य के बारे में चिंतित रहती हैं और अनुभव करती हैं कि भाग्य की बाढ़ उन्हें बहा ले जाए उससे पहले ही अपने पैर जमा लेने का आधार खोज लेना चाहिए ।

अंक 7 के व्यक्तियों के पास व्यापार संबंधित उच्च स्तर के विचार रहते हैं। यदि ये उन्हें क्रियान्वित करें तो वे अच्छी योजनाएं सिद्ध हो सकती हैं। इस अंक के व्यक्तियों की यात्राओं में विशेष रुचि होती है। अतः ये दूर-दराज के देशों के संबंध में बहुत पढ़ते लिखते हैं। यदि ये प्रयत्न करें तो ये समुद्र से सम्बद्ध कार्यों में व्यापारिक रुचि रख सकते हैं। ऐसे व्यक्ति प्रायः आयात निर्यात करने वाले, विदेशों से व्यापार करने वाले होते हैं। यदि इनको अवसर मिले तो ये पानी के जहाज के कप्तान या स्वयं मालिक भी बन सकते हैं।

7 अंक के अन्तर्गत जन्मे व्यक्ति धर्म के बारे में अनोखे विचार रखते हैं। ये लकीर के फकीर नहीं होते वल्कि अपना स्वयं धर्म बनाते हैं, किन्तु इनका धर्म कल्पनाओं व रहस्यमयता पर आधारित होता है। ऐसे व्यक्तियों के स्वप्न बड़े विलक्षण होते हैं तथा अलौकिक रहस्यों की ओर इनका झुकाव रहता है। इन व्यक्तियों के पास अन्तश्चेतना, दिव्य शक्ति तथा विशिष्ट चुम्बकीय शक्ति का दिव्य उपहार होता है। जिससे ये शीघ्र ही दूसरे व्यक्तियों पर अपना प्रभाव डाल लेते हैं।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल समय

21 जून से 25 जुलाई तक पाश्चात्य मत से सूर्य कर्क राशि में रहता है तथा 16 जुलाई 16 अगस्त तक भारतीय मत से सूर्य कर्क राशि में रहता है। इस समय जल तत्व की वृद्धि होती है। अतः उपरोक्त समय मूलांक सात वालों के लिए कोई भी नया कार्य या महत्वपूर्ण कार्य करने हेतु अधिक उपयुक्त रहता है।

मूलांक 7 के लिये प्रतिकूल समय

इनके लिए माह जनवरी, फरवरी, जुलाई एवं अगस्त किसी भी नये कार्य को प्रारंभ करने हेतु अनुकूल नहीं रहेंगे। इन मासों में इनके कार्यों में रुकावटें आएंगी तथा स्वास्थ्य में क्षीणता उत्पन्न होगी, आलस्य बढ़ेगा, व्यर्थ की परेशानियां तथा भाग-दौड़ बढ़ेगी। अतः इस समय में ध्यान रखना उचित रहेगा ।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल दिवस

रविवार, सोमवार के दिन आपके लिए विशेष शुभ फलदायक रहेंगे। यदि आपकी अनुकूल तारीखों में से ही किसी तारीख को रविवार, सोमवार पड़ रहा हो तो ऐसा दिन आपके लिए अधिक अनुकूल और श्रेष्ठ फलदायक होगा ।

मूलांक 7 के लिये शुभ तारीखें

अपने उच्च अधिकारी से मिलने जाना हो या पत्र लिखना अथवा किसी से मिलना, कोई नया कार्य या व्यापार आदि प्रारंभ करने हेतु इनके लिए किसी भी माह की 2, 6, 7, 11, 15, 16, 20, 24, 25 एवं 29 तारीखें अनुकूल रहेंगी। अतः ये यदि कोई कार्य इन तारीखों को ही प्रारंभ करें तो वह अधिक सुविधापूर्ण एवं शीघ्र सफल होगा।

मूलांक 7 के लिये अशुभ तारीखें

इनके लिए अंग्रेजी माह की 1, 9, 10, 18, 19, 27 एवं 28 तारीखें प्रतिकूल हैं। इन तारीखों में रोजगार – व्यापार संबंधी कार्य, पत्र व्यवहार या कोई भी महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ करना इनके लिए अनुकूल नहीं है। अतः इनको इन तिथियों के दुष्प्रभाव से बचना चाहिए ।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल साझेदारी, मित्रता

ऐसे जातक अपनी मित्रता ऐसे व्यक्तियों से रखें जिनका जन्म 2, 6, 7, 11, 15, 16, 20, 24, 25 एवं 29 तारीखों को अथवा 16 जुलाई से 16 अगस्त के मध्य हुआ हो। ऐसे व्यक्तियों से इनकी मित्रता घनिष्ठ रहेगी तथा वे रोजगार, साझेदारी के क्षेत्र में सहायक सिद्ध होंगे। ऐसे व्यक्ति इनके लिए विश्वसनीय रहेंगे ।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल विवाह, प्रेम संबंध

यदि इनको प्रेम अथवा विवाह संबंधी संबंध स्थापित करना है तो इनके लिए ऐसी महिलाएं शुभ रहेंगी, जिनका मूलांक 2, 6, 7 हो तथा जिनका जन्म किसी भी माह की 2, 6, 7, 11, 15, 16, 20, 24, 25 एवं 29 तारीखों में हुआ हो। ऐसी महिलाएं इनके लिए विशेष फलदायी रहेंगी ।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल रंग

इनके मूलांक के अनुसार इनके लिए हरा काफूरी, सफेद, हल्का तिल रंग शुभ फलदायक रहेंगे। इसलिए यह वस्त्रों के चयन के समय इन रंगों का ध्यान रखें। ये रंग इनके रोजगार-व्यवसाय तथा स्वास्थ्य के लिए भी अनुकूल रहेंगे। इन्हीं रंगों के तकिये, चादर आदि इनके लिए ठीक रहेंगे। ऐसे जातक इन रंगों का रुमाल अपने पास रखें, जो इनके स्वास्थ्य के लिए मंगलमय रहेगा।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल वास्तु एवं निवास

इनको ऐसा भवन जिसका मूलांक या नामांक 7 हो तथा वह नैऋत्य कोण दिशा में स्थित हो, शुभ रहेगा। यदि ये मकान बनवाते हैं, या खरीदने के इच्छुक हैं, तो इनके लिए नैऋत्य कोण दिशा उपयुक्त रहेगी तथा यह अपने सभी आवश्यक कार्य इसी दिशा की ओर करें। अपने घर का फर्नीचर काफूरी, सफेद, हल्के नीले रंग का खरीदेंगे तो पूर्ण फलदायी रहेगा।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल वाहन, यात्रा, होटल

यदि ये स्वयं का वाहन आदि खरीदने के इच्छुक हैं, तो उसके पंजीकरण के लिए इनके अपने मूलांक तथा मूलांक के मित्र अंक से मेल स्थापित करने वाले अंक ही अच्छे रहेंगे। इनका मूलांक 7 है, तब इनके लिए शुभ अंक 2, 6, 7 हो, तो अच्छा रहेगा, जैसे पंजीकरण क्रमांक 5236 = 7 इत्यादि । यात्रा के वाहन, सीट क्रमांक के अंक भी यही होंगे, तो इनकी यात्रा सफल रहेगी। यदि ये होटल में कमरा बुक करते हैं, तब नंबर 106 = 7 आदि अंकों का चयन ही करें। यही इनके लिए हितकर रहेगा ।

स्वास्थ तथा रोग

जब भी इनके जीवन में रोग की स्थिति आती है, तब इनको पेट दर्द, छूत के रोग, पसीने की अधिकता तथा दुर्गंध, आमाशय दोष, कब्जियत, नींद न आना, भूख न लगना, गुप्तांग संबंधित रोग, वात तथा गठिया इत्यादि रोग होते हैं। रोग होने, अशुभ समय आने, कष्ट और विपत्ति के समय इनको नृसिंह भगवान की पूजा एवं पासना करनी चाहिए ।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल व्यवसाय

इनके लिए तैराकी, अभिनय, फिल्म व्यवसाय, वायु सेवा, पर्यटन, ड्राइवर का कार्य, बाबूगिरी, जल जहाज के कार्य, पत्रकारिता, संपादन कार्य, रबर, टायर, ट्यूब, प्लास्टिक वर्क, ललित कला संबंधी कार्य, राज्याधिकारी, जासूसी, तरल पदार्थों का – विक्रय, जादू के कार्य, ज्योतिष, कूटनीतिक कार्य, नियंत्रक, भूमिगत पदार्थों का व्यवसाय एवं ट्रांसमीटर, रेडियो, अनुवादक आदि के कार्य क्षेत्र में रोजगार – व्यापार करना हितकर रहेगा।

मूलांक 7 के लिए अनुकूल रत्न

इनके लिए लहसुनिया प्रमुख रत्न है। इसके न मिलने पर यह पीला हकीक भी धारण कर सकते हैं। इसे शुक्ल पक्ष में, शनिवार के दिन शुभ चौघड़िया मुहूर्त में, चांदी की अंगूठी में तीन से पांच रत्ती के लगभग, दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में, त्वचा को स्पर्श करते हुए धारण करें।

मूलांक 7 के लिए जड़ी बूटी धारण

बुधवार के दिन एक इंच लंबी असंगध की जड़ ला कर आसमानी धागे में लपेट कर दाहिने हाथ में बांधे या चांदी के ताबीज में भर कर गले में धारण करें। इससे नेपच्यून / केतु के अशुभ प्रभाव कम होंगे तथा शुभ प्रभावों में वृद्धि होगी।

मूलांक 7 के लिए हर्बल (औषधि) स्नान

इनको प्रत्येक बुधवार को एक बाल्टी या बर्तन में सहदेई, लज्जालु (लोबान), बला, मोथा, प्रियंगु और हिंगोठ आदि औषधियों का चूर्ण कर पानी में डाल कर स्नान करना सभी प्रकार के रोगों से मुक्तिदायक रहेगा। हर्बल स्नान से इनकी त्वचा की कांति में वृद्धि होगी । अशुभ केतु / नेपच्यून के प्रभाव क्षीण हो कर इनके तेज एवं प्रभाव में वांछित लाभ प्राप्त होगा। सभी ग्रहों की शांति के लिए यह कूट्ठ, खिल्ला, कांगनी, सरसों, देवदारू, हल्दी, सर्वोषधि तथा लोध को मिला कर चूर्ण कर किसी तीर्थ के पानी में मिला कर भगवान का स्मरण करते हुए स्नान करें, तो सभी ग्रहों की शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त होगी ।

मूलांक 7 के लिए दान पदार्थ

केतु की शांति के लिए योग्य व्यक्ति को केतु के पदार्थ कस्तूरी, तिल, छाग, काला वस्त्र, ध्वजा, सप्तधान्य, कंबल, उड़द, वैदूर्य मणि, काले पुष्प, तेल, सुवर्ण, लोहा, शस्त्र आदि का दान करना लाभप्रद रहेगा ।

मूलांक 7 के लिये अनुकूल देवता ऐवम मंत्र

ऐसे जातक केतु ग्रह की उपासना करें अथवा नृसिंह भगवान की आराधना करें। नृसिंह भगवान के मंत्र ‘ओम् ह्रीं उग्रं वीरं महा विष्णुं ज्वलंत सर्वतोमुखं नृसिंह भीषणं भद्र मृत्युं मृत्युं नमाम्यहं ह्रीं’ का नित्य जप करें।

प्रतिदिन कम से कम एक सौ आठ मंत्र का जप करें तथा पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा का श्रवण करेंगे तो ये विभिन्न रोगों तथा समस्याओं से मुक्त रहेंगे। यदि यह संभव न हो सके तो नृसिंह भगवान के चित्र का नित्य प्रातः दर्शन करें।

व्रतोपवास – शनिवार को नेपच्यून अरिष्ट दोष निवारण हेतु व्रत करें। शनिवार को काले या नीले वस्त्र धारण कर इक्यावन या उन्नीस शनिवारों को व्रत करें। शरीर में तेल मालिश, तेल दान तथा पीपल के वृक्ष की पूजा करें। केतु मंत्र का यथाशक्ति रुद्राक्ष माला पर जप करें।

गायत्री मंत्र – इनके लिए केतु के शुभ प्रभावों की वृद्धि हेतु केतु के गायत्री मंत्र का प्रातः स्नान के बाद ग्यारह, इक्कीस या एक सौ आठ बार जप करना लाभप्रद रहेगा ।

ॐ पद्यं-पुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नौं केतुः प्रचोदयात् ।।

ध्यान मंत्र – प्रातः काल उठ कर ऐसे जातक केतु का ध्यान करें, मन में केतु की मूर्ति प्रतिष्ठित करें और तत्पश्चात् निम्न मंत्र का पाठ करें।

पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम् । रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम् ।।

ग्रह मंत्र – अशुभ केतु को अनुकूल बनाने हेतु केतु के मंत्र का जप करना चाहिए । नित्य कम से कम एक माला एक सौ आठ जप करने से वांछित लाभ मिल जाते हैं। पूरा अनुष्ठान एक सौ सत्तर माला का हैं।

ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः । जप संख्या 17000 |।

अंक ज्योतिष

  1. अंकों की उत्पत्ति
  2. अंको की रहस्यमयी शक्ति
  3. मूलांक 1 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  4. मूलांक 2 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  5. मूलांक 3 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  6. मूलांक 4 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  7. मूलांक 5 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  8. मूलांक 6 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  9. मूलांक 7 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  10. मूलांक 8 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  11. मूलांक 9 के गुण-दोष और भग्यवर्धक उपाय
  12. अंक ज्योतिष से भाग्यशाली नाम का चुनाव
  13. अंक कुण्डली
  14. मूक प्रश्न
  15. अंक ज्योतिष से खोजें खोई हुई वस्तु

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