मूल अंक 9 का स्वामी मंगल है। 9, 18, व 27 तारीखों में पैदा हुए व्यक्तियों का मूल अंक 9 होता है। 21 मार्च से 27 अप्रैल तक तथा 21 अक्टूबर से 27 नवम्बर तक सूर्य मेष व वृश्चिक सायन राशियों में रहता है जो मंगल की राशियाँ हैं। इस कारण इन सायन मासों में पैदा हुए व्यक्तियों पर भी मंगल का विशेष प्रभाव रहता है। इन मासों में मूल अंक 9 की तारीखें भी हों तो और भी अधिक मंगल का प्रभाव रहता है।

ये व्यक्ति बहुत साहसी होते हैं और कठिनाईयों से नहीं घबराते । स्वभाव में तेजी, फुर्ती व जल्दवाजी होती है। काम को जल्दी जल्दी समाप्त करने की इच्छा रहती है।

जीवन काफी संघर्षमय रहता है और अक्सर इनके काफी शत्रु बन जाते हैं। ये लोग पुलिस, फौज, फायर बिग्रड साहस के कामों में यहाँ तक कि दुःसाहस के कामों में काफी सफल होते हैं। परन्तु इनको दुःसाहस करना नहीं चाहिए। सरकस के काम, मौत का गोला, मोटर साइकिल के खेल, कार रेस आदि से बचना चाहिए। पहाड़ पर चढ़ाई आदि में भी जोखिम रहती है । परन्तु ये लोग अक्सर ऐसे ही कामों में खुश रहते हैं और साहस के कामों में घुड़सवारी आदि में दिलचस्पी लेते हैं। शासन व प्रबन्ध व्यवस्था, अनुशासन कायम रखने के कामों में सफल रहते हैं। घर व बाहर इन व्यक्तियों को झगड़े से बचना चाहिए। क्योंकि इन्हें क्रोध जरा जल्दी आता है। अपनी आलोचना भी वर्दाश्त नहीं होती।

कोई स्त्री प्रेम का अभिनय करके इन्हें आसानी से मूर्ख बना सकती है और चापलूसी व खुशामदी लोगों से भी यह प्रभावित हो जाते हैं। यह लोग अगर अपने क्रोधी स्वभाव पर कुछ सयंम कर सकें तो काफी सफल व भाग्यशाली हो सकते हैं।

मूलांक 9 के स्वामी मंगल को ग्रहों का सेनापति माना गया है। अतः 9 अंक के जातकों के अन्दर भी सेनापति, नायक, मुखिया इत्यादि बनने की चाह सामाजिक क्षेत्रों में बनी रहती है। रोजगार व्यवसाय में एकाधिकार की प्रवृत्ति आपमें पाई जायेगी। इनके अन्दर साहस अधिक होने से ये अपने कार्यो को अदम्य साहस से करते हुये कठिनाईयों को आसानी से पार कर लेते हैं। स्वभाव में इनके तेजी रहती है। फुर्ती एवं जल्दबाजी होती है। इनकी सदैव यही कोशिश रहती है कि ये जो भी कार्य हाथ में लें वह शीघ्र समाप्त हो जाये ।

इनके स्वभाव में साहसीपन होने से इनको दुःसाहस के कार्यों से सदैव दूर रहना हितकर रहेगा। ये अनुशासन प्रिय रहेंगे एवं दूसरो से अनुशासन रखने की अपेक्षा करेंगे। खुशामद एवं चापलुसी से ये प्रभावित होकर कभी-कभी नुकसान भी उठायेंगे। अतः खुशामदी एवं चापलुस व्यक्तियों से सदैव बचें।

मंगल ग्रह के प्रभाव से क्रोध की मात्रा भी इनमें रहेगी। इससे इनके विरोधी उत्पन्न होंगे। शत्रुओं की संख्या कम रहेगी एवं इनमें शत्रुओं को दमन करने का बल हमेशा बना रहता है। मंगल के प्रभाववश ये अग्नितत्व प्रधान रोगों के शिकार हो सकते हैं, अतः इनको सौम्यता का व्यवहार रखना भाग्य में वृद्धि कारक रहता है।

9 के अन्तर्गत जन्मे व्यक्ति जीवन में जो पाना चाहते हैं, उसके लिऐ पूर्ण संघर्ष करते हैं। जीवन के प्रारंभ में इन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। किन्तु अन्त में प्रायः ये अपनी सहिष्णुता, आत्मशक्ति एवं दृढ़संकल्प के आधार पर सफलता प्राप्त कर लेने में सफल होते हैं।

ये अत्यधिक गुस्से वाले संवेगशील स्वतंत्र तथा खुद प्रमुख होना इनकी चारित्रिक विशेषताओं में निहित रहता है। जब यह व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने ही अंक की तिथियों या काल में से गुजरते हैं तो अधिक अधिकार जताने वाले हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप इनके काफी शत्रु बन जाते हैं। जो इनका विरोध करते रहते हैं। इन व्यक्तियों में अत्यधिक साहस होता है और यह व्यक्ति अद्भुत नेता या सेनिक सिद्ध होते हैं।

ऐसे जातकों का बड़बोलापन और भावुकता पूर्ण आचरण करने के कारण इन्हें कई बार मुसीबतों का सामना करना होता है। इनका जिस परिवार में विवाह होता है उनसे या स्वयं अपने परिवार वालों से कड़ा संघर्ष बना रहता है। ये हर प्रकार की आलोचना का विरोध करते हैं।

अभिमानी न होने के बाबजूद यह स्वयं को कुछ अधिक भला ही समझते हैं और अपनी योजनाओं में किसी प्रकार का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते।

ऐसे जातक स्वयं को सम्मान की दृष्टि से देखे जाने और घर के मुखिया के रूप में प्रसिद्धि पाने की आकांक्षा रखते हैं। यदि इनको पूर्ण नियंत्रण की छूट हो तो किसी भी प्रकार की व्यवस्था करने में सक्षम और प्रतिभाशाली सिद्ध होते हैं। यदि इन्हे पूर्ण नियंत्रण की छूट नहीं मिलती तो इनका हृदय टूट जाता है और यह उस कार्य को छोड़कर अलग थलग हो जाते हैं।

प्रेम एवं साहनुभूति के लिए ऐसे जातक कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। इसलिए यदि कुछ चालाक महिलाएं इनके हृदय की डोर को संभाल लें तो इस अंक के पुरुषों को आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल समय

दिनांक 23 मार्च से 20 अप्रैल तक एवं 24 अक्तूबर से 21 नवंबर तक पाश्चात्य मत से सूर्य मेष तथा वृश्चिक राशि में रहता है। भारतीय मत से यह समय 13 अप्रैल से 12 मई एवं 14 नवंबर से 14 दिसंबर होता है। मेष एवं वृश्चिक मंगल की अपनी राशियां हैं। दिनांक 14 जनवरी से 13 फरवरी तक सूर्य मकर राशि में रहता है, जो मंगल कि उच्च राशि है। अतः उपरोक्त समय मूलांक 9 के जातकों के लिए कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए अधिक उपयुक्त रहता है।

मूलांक 9 के लिये प्रतिकूल समय

इनके लिए माह जनवरी एवं जुलाई तथा 15 नवंबर से 27 दिसंबर किसी भी नये कार्य को प्रारंभ करने हेतु अनुकूल नहीं रहते। इन मासों में इनके कार्यों में रुकावटें आती हैं तथा स्वास्थ्य में क्षीणता उत्पन्न होती है। आलस्य की वृद्धि, व्यर्थ की परेशानियां तथा भाग-दौड़ रहेगी। अतः इस समय में ध्यान रखना उचित रहेगा।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल दिवस

मंगलवार, शुक्रवार एवं गुरुवार इनके लिए ठीक दिन रहेंगे। यह यदि किसी भी कार्य को करते हैं, तो इन्ही दिवसों में प्रारंभ करें और यदि इन दिवसों में अनुकूल तारीखें भी आ जाएं तो श्रेष्ठ फलदायक रहता है।

मूलांक 9 के लिये शुभ तारीखें

इनके लिए किसी भी अंग्रेजी मास की 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24 29 एवं 30 तारीखें अधिक अनुकूल रहती हैं। इन तारीखों में महत्वपूर्ण कार्य, रोजगार, व्यापार के कार्य, अधिकारी या विशिष्ट व्यक्तियो से संबंधित कार्य अथवा पत्र इत्यादि लिखना इनके लिए अधिक उपयुक्त तथा सफलतादायक रहता है ।

मूलांक 9 के लिये अशुभ तारीखें

इनके लिए किसी भी अंग्रेजी माह की 1, 7, 10, 16, 19, 20, 25 एवं 28 तारीखें ठीक नहीं रहती हैं। इनके लिए पत्र इत्यादि लिखना या दस्तावेज लिखने हेतु अथवा विशिष्ट अधिकारी से मिलने हेतु या कोई भी नया कार्य प्रारंभ करना हो तो इन तारीखों में प्रारंभ न करें।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल साझेदारी ऐवम मित्रता

जिन व्यक्तियों का जन्म 3, 6, 9, 12, 15 18, 21, 24, 27 एवं 30 तारीखों को, अथवा 13 अप्रैल से 12 मई एवं 14 नवंबर से 14 दिसंबर तथा 14 जनवरी से 13 फरवरी के मध्य हुआ हो, ऐसे व्यक्तियों से इनकी मित्रता अच्छी रहेगी तथा रोजगार, व्यापार के क्षेत्र में भी ऐसे जातक उच्चता के शिखर पर पहुंचेंगे। ऐसे व्यक्ति इनके लिए विशेष फलदायी रहेंगे।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल विवाह, प्रेम संबंध

मूलांक 3, 6, 9 वाली महिलाएं तथा जिनका जन्म 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27 एवं 30 दिनांकों में हुआ हो वे इनके लिए विश्वसनीय सिद्ध रहती हैं। ऐसी स्त्रियों से ही ये प्रेम अथवा विवाह संबंध स्थापित कर सकते हैं, जो इनके लिए शुभ फलदायी रहेगा ।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल रंग

इनके लिए अनुकूल रंग गुलाबी, गहरा लाल होने के कारण इनको चाहिए कि ये अपने घर में दीवारें, खिड़कियां, पर्दे आदि का चुनाव करते समय इन रंगों को ध्यान में रखें तथा यदि इनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है, तब ये इन रंगों का रुमाल बना कर अपने पास हमेशा रखें तथा कोई भी रोजगार व्यापार संबंधी कार्य करते समय इन रंगों के वस्त्र धारण करना न भूलें, जो इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अच्छा रहेगा ।

मूलांक 9 के लिये वास्तु एवं निवास

इनके लिए दक्षिण दिशा उत्तमकारी है। अतः इनके लिए मकान या कॉम्पलेक्स वही शुभ रहेगा जो दक्षिण में स्थित हो । अतः ये शहर की दक्षिण दिशा या भवन की दक्षिण दिशा का चुनाव कर सकते हैं एवं रोजगार – व्यापार की बैठक भी दक्षिण दिशा में रख सकते हैं, जो इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अच्छा रहेगा। भवन के फ्लैट का क्रमांक का योग 3, 6 या 9 रखना लाभप्रद रहेगा ।

मूलांक 9 के लिये वाहन, यात्रा, होटल

नये वाहन का पंजीकरण क्रमांक इनके मूलांक 9 या मूलांक के मित्र अंक 6 तथा 3 में से कोई एक लेना हितकर रहेगा, जैसे वाहन पंजीकरण क्रमांक 5238 = 9 इत्यादि होना चाहिए। यदि ये होटल में कमरा आदि बुक करते हैं, तो उसके लिए अंक 108 = 9 होना इनके लिए हितकर रहेगा अथवा ये वाहन द्वारा यात्रा करते हैं, तो सीट इत्यादि क्रमांक इनके मूलांक या मित्र अंक भाग्यशाली अंक साबित होंगे। इन्हीं शुभ अंकों के प्रभाव से ही इनकी यात्रा सफल हो सकती है।

स्वास्थ तथा रोग

जब भी इनके जीवन में रोग की स्थिति आएगी, तब इनको क्रोध, झल्लाहट, दुर्घटना, चोट, अंग शैथिल्य, हृदय रोग, रक्तचाप इत्यादि पीड़ा देंगे। रोग होने, अशुभ समय आने, कष्ट और विपत्ति के समय ऐसे जातक हनुमान जी की उपासना तथा आराधना करें, मंगलवार का व्रत करें और एक समय भोजन करें ।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल व्यवसाय

इनके लिए संगठन, संघ संचालक, नियंत्रक, चिकित्सा, ज्योतिष, धर्मोपदेशक, सैन्य विभाग, गोला-बारूद, आतिशबाजी का व्यवसाय, वकालत, औषधि विक्रेता, लौह तथा अन्य धातु संबंधी कार्य अथवा प्रभुता संबंधित कार्य करना अनुकूल रहेगा।

मूलांक 9 के लिए अनुकूल रत्न

ऐसे जातक मूंगा धारण करें। इसके न मिलने पर संगसितारा, लाल हकीक, लाल मून स्टोन धारण कर सकते हैं। इसे मंगलवार के दिन शुक्ल पक्ष में, शुभ चौघड़िया मूहूर्त में, तांबा, सोना, मिश्रित धातु या चांदी में छह से नौ रत्ती का मूंगा बनवा कर दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में त्वचा को स्पर्श करते हुए धारण करें।

मूलांक 9 के लिए जड़ी-बूटी धारण

सरल अंक ज्योतिष मंगलवार के दिन एक इंच लंबी अनंतमूल की जड़ ला कर, लाल धागे में लपेट कर दाहिने हाथ में बांधे या स्वर्ण या तांबे के ताबीज में भर कर गले में धारण करें। इससे मंगल के अशुभ प्रभाव कम होंगे तथा शुभ प्रभावों में वृद्धि होगी।

मूलांक 9 के लिए हर्बल (औषधि) स्नान

इनके लिए प्रत्येक मंगलवार को एक बाल्टी या बर्तन में सौंठ, सौंफ, लाल चंदन, सिंगरफ, मालकांगनी और मौलसरी के फूल आदि औषधियों का चूर्ण कर, पानी में डाल कर स्नान करना सभी प्रकार के रोगों से मुक्तिदायक रहेगा। हर्बल स्नान से इनकी त्वचा की कांति में वृद्धि होगी। अशुभ मंगल के प्रभाव क्षीण हो कर इनके तेज एवं प्रभाव में वांछित लाभ प्राप्त होगा।

सभी ग्रहों की शांति के लिए इनको कूठ, खिल्ला, कांगनी, सरसों, देवदारू, हल्दी, सर्वोषधि तथा लोध को मिला कर चूर्ण कर किसी तीर्थ के पानी में मिला कर, भगवान का स्मरण करते हुए, स्नान करें तो सभी ग्रहों की शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त होगी।

मूलांक 9 के लिए दान पदार्थ

मंगल की शांति के लिए योग्य व्यक्ति को मंगल के पदार्थ – तांबा, सोना, गेहूं, लाल वस्त्र, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, केसर, कस्तूरी लाल वृषभ, मसूर की दाल, पृथ्वी, विद्रुम आदि का दान करना लाभप्रद रहेगा ।

मूलांक 9 के लिये अनुकूल देवता ऐवम मंत्र

ऐसे जातक मंगल ग्रह की उपासना करें अथवा हनुमान जी की उपासना करने से इनके सभी प्रकार के अरिष्ट दूर होंगे। ये प्रति मंगलवार एवं शनिवार को सुंदर कांड का पाठ किया करें। साथ में हनुमान जी के मंत्र का नित्य एक सौ आठ बार मूंगे की माला पर जप किया करें। हनुमान जी का मंत्र इस प्रकार है। ‘हं हनुमत रुद्रात्मकाय हुं फट् । मंगलवार को एक समय भोजन करें तथा चने एवं मिष्ठान्न का प्रसाद हनुमान जी को अर्पण करने से इनके सभी कार्य बनेंगे ।

व्रतोपवास – मंगलवार को भौम अरिष्ट दोष निवारण हेतु व्रत करें। यह व्रत पैंतालीस मंगलवार या कम से कम इक्कीस मंगलवारों को करें। लाल वस्त्र धारण करें एवं लाल वस्तुओं का दान करें । यथाशक्ति मंगल के मंत्र का मूंगे की माला पर जप करें।

गायत्री मंत्र – इनके लिए मंगल के शुभ प्रभावों की वृद्धि हेतु मंगल के गायत्री मंत्र का प्रातः स्नान के बाद ग्यारह, इक्कीस या एक सौ आठ बार जप करना लाभप्रद रहेगा ।

भौम गायत्री मंत्र ऊँ अंगारकाय विद्महे शक्ति- हस्ताय धीमहि तन्नौं भौमः प्रचोदयात् ।।

ध्यान मंत्र – प्रातःकाल उठ कर ये जातक मंगल का ध्यान करें, मन में मंगल की मूर्ति प्रतिष्ठित करें और तत्पश्चात् निम्न मंत्र का पाठ करें :

धरणीगर्भसंभूतं विद्युत-कांतिसमप्रभम् । कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम् ।।

ग्रह मंत्र – अशुभ मंगल को अनुकूल बनाने हेतु मंगल के मंत्र का जप करना चाहिए । नित्य कम से कम एक माला एक सौ आठ जप करने से वांछित लाभ मिल जाते हैं। पूरा अनुष्ठान सौ माला का हैं।

ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः । जप संख्या 10000 ।


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