कुंडली में संतान योग

कुंडली में संतान योग संतान का विचार पंचम भाव, उसके स्वामी, कारक गुरु, नवम भाव तथा नवमेश इन सब द्वारा करना चाहिए। यदि ये सब निर्बल अथवा पापयुक्त व पापदृष्ट हों तो संतान की प्राप्ति नहीं होती । 1. पंचम Read more

कुंड्ली में शिक्षा के योग

कुंड्ली में शिक्षा के योग कुंडली में पंचम भाव से शिक्षा का विचार किया जाता है। पंचम भाव एवं पंचमेश तथा शिक्षा कारक बुध की स्थिति जितनी अच्छी होगी, जातक की शिक्षा उसी के अनुसार अच्छी होगी । 1. पंचम Read more

अष्टकूट मिलान यॉ कुण्डली मिलान

अष्टकूट मिलान यॉ कुण्डली मिलान अष्टकूट मिलान हिन्दू ज्योतिष में विवाह के लिए वर-वधू की कुंडलियों का मिलान करने की एक प्रणाली है, जिसमें 8 विभिन्न पहलुओं (कूट) जैसे वर्ण, वश्य, तारा, योनि, गण, भकूट और नाड़ी की जाँच की Read more

कुंडली में करियर कैसे देखे ?

कुंडली में करियर कैसे देखे ? जातक की आजीविका के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्न तथ्यों का अवलोकन करना चाहिए – 1. दशम भाव, दशमेश, बुध (बुद्धि कारक), शनि (कर्म कारक)। 2. भावात-भावम के सिद्धांत के अनुसार Read more

कुंडली में रोग के योग

कुंडली में रोग के योग एकान्तोत्थित रोग योग जब कोई ग्रह अनिष्ट स्थान मे (6/8/12) हो और उस पर किसी शुभ ग्रह का युति अथवा दृष्टि द्वारा प्रभाव न हो तो वह ग्रह “ऐकान्तिक” अर्थात् अकेला कहलाता है और निज Read more

कुंडली में विवाह योग

कुंडली में विवाह योग जातक के वैवाहिक जीवन की जानकारी के लिए हमें सप्तम भाव, सप्तमेश और भोगविलास के कारक ग्रह शुक्र का अध्ययन करना चाहिए। ये सब जितनी अधिक अच्छी स्थिति में होगे वैवाहिक जीवन उतना अधिक सुखमय होग। Read more

मीन लग्न का फलादेश

मीन लग्न का फलादेश मीन लग्न में जन्मे व्यक्ति धार्मिक बुद्धि से ओतप्रोत, मेहमान प्रिय, सामाजिक अच्छाईयों व नियमों का पालन करने वाले होते है। ऐसे जातक आस्तिक एवं ईश्वर के प्रति श्रद्धावान होते हैं तथा सामाजिक रूढ़ियों का कट्टरता Read more

कुम्भ लग्न का फलादेश

कुम्भ लग्न का फलादेश कुम्भ लग्न के जातक आमतौर पर आकर्षक, दयालु, कल्पनाशील और बौद्धिक होते हैं। वे व्यवहारिक और उदार होते हैं, सामाजिक रूप से सक्रिय रहते हैं, और अपनी निष्पक्षता और खुले विचारों के कारण सफलता प्राप्त कर Read more

मकर लग्न का फलदेश

मकर लग्न का फलदेश इस लग्न वाले प्रायः क्षुद्र विचारों वाले होते हैं। इनकी वाणी बहुत कर्कश (Harsh) होती है। ये विलम्ब से उन्नति पाते हैं। सूर्य 1. इस लग्न में सूर्य अष्टमाधिपति बन जाता है। सूर्य को अष्टम का Read more

धनु लग्न का फलदेश

धनु लग्न का फलदेश इस लग्न वालों का दिल अच्छा होता है। ये परोपकारी, जनता से सम्पर्क रखने वाले, ज्ञानवान्, धार्मिक प्रवृत्ति वाले, धैर्यशील, सज्जन पुरुष होते हैं । सूर्य 1. सूर्य नवमाधिपति होता है जिसका अर्थ यह है कि Read more