चोरी और गायब सामान की वापसी
लग्न प्रश्नकर्ता का प्रतिनिधि है। चंद्रमा खोये हुए सामान का प्रतिनिधि है। चतुर्थ भाव खोये सामान और उसकी पुनर्प्राप्ति का प्रतिनिधि है। सप्तम भाव चोर का प्रतिनिधि है जबकि अष्टम भाव चोर द्वारा जमा धन का प्रतिनिधि है। दशम भाव पुलिस या सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।
चोरी की प्रक्रिया
1. मंगल सप्तम भाव में स्थित हो, या सप्तमेश से चंद्र की युति या दृष्टि हो तो चोरी ताला तोड़कर या ताकत का इस्तेमाल कर की गयी है।
2. सप्तम में शुक्र और चंद्र हों तो ताला अतिरिक्त चाबी से खोला गया है।
3. निर्बल चंद्र की लग्नेश से युति हो और सप्तमेश बली हो या
4. सप्तमेश सूर्य ‘अष्टम भाव में स्थित हो या
5. बली चंद्र की अशुभ ग्रह से युति हो और लग्नेश की सप्तम भाव पर दृष्टि न हो या
6. लग्नेश की अशुभ ग्रहों से युति हो और सप्तमेश पर दृष्टि हो। द्वितीयेश चंद्र और सूर्य बली हों तो चोरी खुलेआम जान पहचान के लोगों के सम्मुख की गयी है।
मूल्यवान या साधारण वस्तु
नवमांश लग्न बली हो तो खोयी वस्तु मूल्यवान है।
नवमांश लग्न सामान्य बली है तो खोयी वस्तु साधारण है।
नवमांश लग्नेश नीचस्थ हो तो खोयी वस्तु घिसी हुई या पुरानी है।
चोर ने क्या चोरी किया है ?
इसका ज्ञान चंद्रमा / नवमांश से होता है।
1. चंद्र प्रथम नवमांश में हो, वर्गोत्तम हो या मेष में हो तो खोयी वस्तु सोने या चांदी की है।
2. चंद्रमा द्वितीय नवमांश में हो या वर्गोत्तम या वृष राशि में हो तो खोयी वस्तु कोई आभूषण या बर्तन है। चंद्र पर मंगल की दृष्टि हो तो वस्तु लोहे की बनी है। तीव्र गति ग्रह की दृष्टि हो तो वस्तु घिसी हुई या पुरानी है।
3. चंद्रमा तृतीय नवमांश में वर्गोत्तम या मिथुन में हो तो नकदी रुपये या दस्तावेज चोरी हुए हैं।
4. चंद्रमा कर्क में या चतुर्थ नवमांश में या वर्गोत्तम में हो तो वस्तु सोने की है।
5. चंद्रमा सिंह में या पंचम नवमांश में या वर्गोत्तम में हो तो वस्तु चांदी की है। अगर सूर्य की दृष्टि है तो वस्तु सोने की बनी है।
6. चंद्रमा कन्या में हो या षष्ठ नवमांश में या वर्गोत्तम हो तो वस्तु कांच, लोहे आदि से बनी है या वस्त्र हैं। यदि बुध की दृष्टि हो तो सामान पत्थर का है। शुक्र की दृष्टि हो तो वस्तु कपड़े की बनी है।
7. चंद्रमा तुला में हो या सप्तम नवमांश में हो या वर्गोत्तम हो तो वस्तु दस्तावेज़ होती है। अगर शुक्र की दृष्टि हो तो सुगंधित पदार्थ या कपड़े हो सकते हैं।
8. चंद्रमा वृश्चिक में हो या वर्गोत्तम हो या मंगल की दृष्टि हो तो वस्तु सोने या चांदी की होती है या व्यापारिक दस्तावेज़ होता है।
9. चंद्रमा धनु में हो या वर्गोत्तम हो या बृहस्पति की दृष्टि हो तो खोयी वस्तु आभूषण या वस्त्र या घरेलू सामान होता है।
10. चंद्रमा मकर में हो, या मकर में वर्गोत्तम हो तो खोयी वस्तु आभूषण या नगदी होती है। अगर बृहस्पति की दृष्टि हो तो स्वर्ण या नगद रुपया चोरी होता है।
11. चंद्रमा कुंभ में हो या कुंभ में वर्गोत्तम हो तो खोयी वस्तु सिक्के, नोट अर्थात नगदी या आभूषण होते हैं सूर्य की दृष्टि हो तो नगदी चोरी होती है।
12. चंद्रमा मीन में हो या मीन में वर्गोत्तम हो तो खोयी वस्तु कांच आदि की बनी हो सकती है। चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो रत्न, आभूषण या बर्तन चोरी होते हैं।
चोर कौन है ?
लग्न में चर राशि हो या नवमांश लग्न वर्गोत्तम होकर चर राशि में हो तो चोर घर से बाहर का व्यक्ति है और वस्तु घर से बहुत दूर जा चुकी है।
लग्न में स्थिर राशि हो या नवांश लग्न स्थिर राशि में या वर्गोत्तम हो तो चोर कोई रिश्तेदार या मित्र आदि होता है तथा खोयी वस्तु घर के नज़दीक ही मौजूद होती है।
लग्न या नवांश लग्न या वर्गोत्तम द्विस्वभाव राशि में हो तो चोर पड़ोसी है और खोयी वस्तु किसी स्थान पर सुरक्षित रखी हुई है।
1. चंद्र की सप्तम में स्थित शुक्र पर दृष्टि हो तो चोर ने हाल ही में चोरी करना शुरु किया है।
2. सप्तमेश शनि पर चंद्र की दृष्टि हो तो चोर अभिमानी या पाखंडी होता है।
3. सप्तम भाव में स्थित शनि पर चंद्र की दृष्टि हो तो चोर अभिमानी होता है।
4. लग्न और चंद्र पर शनि की दृष्टि हो तो चोर अभिमानी होता है।
5. सप्तम में स्थित बुध पर शनि की दृष्टि हो तो चोर अभिमानी होता है।
6. सप्तम में स्थित शनि पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो चोर जाना पहचाना व्यक्ति होता है।
7. सप्तमेश पर अशुभ ग्रह की दृष्टि हो तो चोर पक्का होता है।
8. सप्तमेश पर मंगल की दृष्टि हो तो चोर पुलिस लेखा में उपलब्ध पुराना अपराधी होता है।
9. उच्च का, स्वक्षेत्री या बली ग्रह 1, 7 या 10 में स्थित हो तो उस ग्रह से मेल खाने वाले व्यक्ति ने चोर की सहायता की है।
सप्तम भाव में स्थित ग्रह या सप्तमेश द्वारा चोर की पहचान
चोर की पहचान सप्तमेश या सप्तम में स्थित बली ग्रह द्वारा की जाती है लेकिन प्राचीन ग्रंथ प्रश्न ज्ञान, प्रश्न शिरोमणि आदि के अनुसार चोर की पहचान लग्नेश से होती है। चूंकि हमने सप्तम भाव को चोर का प्रतिनिधि माना है अतः चोर की पहचान सप्तमेश और सप्तम भाव से होती है।
सूर्य सप्तमेश हो या सप्तम भाव में स्थित हो तो पिता या परिवार का मुखिया चोर होता है।
चंद्रमा सप्तमेश हो या सप्तम भाव में स्थित हो तो मां अथवा चेचक के दाग, या मस्से वाली स्त्री चोर होती है।
मंगल सप्तमेश हो या सप्तम भाव में स्थित हो तो भाई, मित्र या तगड़े डीलडौल वाला दुस्साहसी व्यक्ति चोर होता है।
बुध सप्तमेश हो या सप्तम भाव में स्थित हो तो स्वयं की संतान, छोटा भाई या कोई मजाकिया/ चुलबुला बच्चा चोर होता है।
सप्तमेश बृहस्पति हो तो कोई अधिकारी, पंडित, ब्राह्मण, अध्यापक या कोई सम्मानित व्यक्ति चोर होता है। उसने दूसरों को भड़का कर या दूसरों की मदद से चोरी की है।
सप्तमेश शुक्र हो तो कोई शिक्षित, फैशनप्रेमी, आकर्षक व्यक्तित्व वाला युवक या युवती चोर है।
सप्तमेश शनि हो तो काले रंग, अच्छे कद तथा निर्बल शरीर वाला नौकर चोर होता है।
सप्तम भाव में राहु हो तो चोर चोरी में पक्का होता है। वह झोंपड़ी आदि में रहने वाला लंबे बाल या दाढ़ी-मूंछ वाला होता है।
सप्तम में केतु हो तो चोर पक्का होता है। वह अपने दल की सहायता से योजना बनाकर चोरी करता है उसे पकड़ना कठिन होता है।
क्या संदिग्ध व्यक्ति चोर है ?
चंद्र और अशुभ ग्रह के मध्य इत्थसाल हो तो संदिग्ध व्यक्ति चोर होता है। चंद्र का शुभ ग्रह के साथ इत्थसाल हो तो संदिग्ध व्यक्ति निर्दोष होता है।
खोयी वस्तु का स्थान
खोयी वस्तु के स्थान का पता चतुर्थ भाव और उसमें स्थित ग्रह से तथा चतुर्थ की राशि के तत्व से चलता है।
1. चंद्र का चतुर्थ भाव पर प्रभाव हो तो खोयी वस्तु जल के नज़दीक रखी गयी है।
2. मंगल प्रभावी हो तो वस्तु रसोई, अग्नि या औजार बक्से आदि के निकट रखी है।
3. शुक्र का प्रभाव हो तो पलंग पर या शयनकक्ष में स्थित है।
4. बृहस्पति प्रभावी हो तो उद्यान या मंदिर में मौजूद है।
5. बुध का प्रभाव चतुर्थ भाव पर हो या चतुर्थ पर दृष्टि हो तो खोयी वस्तु बैठक में या पुस्तकालय में या पुस्तक, अनाज, वाहन के निकट रखी है।
6. सूर्य का संबंध चतुर्थ भाव से हो तो खायी वस्तु बैठक में या गृह स्वामी के शयन कक्ष में या घर के बाहर जमीन में गड़ी है।
7. चतुर्थ भाव पर शनि या राहु का प्रभाव हो तो खोयी वस्तु अंधेरे या गंदे स्थान पर रखी है। चतुर्थ भाव की राशि के तत्व (अग्नि, पृथ्वी, वायु और जल) का विचार करें। खोयी वस्तु राशि के तत्व के निकट रखी रहती है।
क्या खोयी वस्तु वापस मिल सकती है ?
खोयी वस्तु की जानकारी के लिए सामान्यतः प्रश्न कुंडली के सप्तम भाव, लग्न, आरुढ़ लग्न और चंद्र को देखते हैं क्योंकि लग्न, आरूढ़ लग्न और चंद्र खोयी वस्तु के प्रतिनिधि हैं। सप्तम भाव और सप्तमेश चोर के संकेतक हैं। 24, 11, 5 और 9 भाव खोयी वस्तु की प्राप्ति में सहायक हैं। चतुर्थ भाव पुनर्प्राप्ति का प्रतिनिधि है।
खोयी वस्तु मिल जाएगी
1. यदि लग्नेश और सप्तमेश में इत्थसाल हो ।
2. चंद्रमा पर चंद्रमा के भाव की राशि के स्वामी की दृष्टि हो ।
3. लग्नेश सप्तम में और सप्तमेश लग्न में स्थित हों।
4. सप्तम भाव में केवल बृहस्पति स्थित हो। अगर अन्य ग्रह स्थित होगा तो खोयी वस्तु नहीं मिलेगी ।
5. चंद्र चतुर्थ में स्थित हो ।
6. चंद्र आरूढ़ लग्न से दशम में स्थित हो ।
7. द्वितीयेश और नवमेश में इत्थसाल हो ।
8. शुभ ग्रह लग्न, आरूढ़ लग्न, 5, 7, 9 में स्थित हों।
9. लग्न शीर्षोदय राशि में और आरूढ़ लग्न पृष्ठोदय राशि में हो ।
10. चंद्र पृष्ठोदय राशि में हो और शनि के अतिरिक्त किसी अन्य ग्रह की दृष्टि हो। शनि की चंद्र पर दृष्टि होने पर खोयी वस्तु नहीं मिलेगी।
11. चंद्र पृष्ठोदय राशि में हो और मंगल चंद्रमा से दशम भाव में हो।
12. सप्तम भाव में 2, 7, 9 या 11 राशि हो ।
13. लग्न या आरूढ़ लग्न से 3 या 5 भाव में शुभ ग्रह हों ।
14. सप्तम में बली चंद्र स्थित हो। चंद्र दूषित या कृष्ण पक्ष का हो तो खोयी वस्तु नहीं मिलेगी।
15. 11वें भाव में अशुभ ग्रह स्थित हो ।
16. शीर्षोदय लग्न में शुभ ग्रह स्थित हो या उनकी शीर्षोदय लग्न पर दृष्टि हो ।
17. लग्न में स्थित पूर्ण चंद्र शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हो ।
18. पूर्ण चंद्र पंचम या नवम भाव में स्थित हो कर बृहस्पति या शुक्र से दृष्ट हो ।
19. लग्न, 2 केंद्र, त्रिकोण या 11 वें भाव में शुभ ग्रह स्थित हों।
20. लग्न आरूढ़ लग्न और नवमांश में चर राशि हो ।
21. 5, 7, 9 में शुभ ग्रह हो ।
22. लग्न, 3, 5 भावों में मित्र ग्रह हों तथा 2 और 11 में बली शुभ ग्रह हों। केंद्र, त्रिकोण, 8 या 11 में अशुभ ग्रह नहीं हों।
23. चंद्र और बृहस्पति केंद्र में हों।
24. चंद्र लग्न या दशम भाव में स्थित हो तथा शुभ ग्रह से इत्थसाल में हो ।
25. लग्न या चतुर्थ में शुभ ग्रह या चतुर्थेश हो तथा शुभ ग्रह से दृष्ट हो ।
26. लग्न में पूर्ण चंद्र स्थित हो तथा शुभ ग्रह या चतुर्थेश की दृष्टि हो ।
27. लग्न में शुक्लपक्ष का चंद्र स्थित हो तथा सूर्य या शुभ ग्रह की दृष्टि हो ।
28. 2, 3 या 5 में शुभ ग्रह स्थित हाँ ।
29. चतुर्थेश लग्न में स्थित हो या लग्न पर दृष्टि हो ।
30. लग्नेश, द्वितीयेश और चंद्र में संबंध हो और लग्न द्वितीय या त्रिकोण में स्थित हो ।
31. द्वितीयेश द्वितीय या चतुर्थ भाव में स्थित हो ।
32. लग्नेश लग्न में स्थित हो और शुभ ग्रह से दृष्ट हो।
33. अशुभ ग्रह पृष्ठोदय राशि में हो।
34. लग्नेश एकादश में हो और एकादशेश लग्न में हो या दोनों लग्न में या एकादश में हों।
35. एकादश भाव पर लग्नेश और एकादशेश की दृष्टि हो।

नमस्कार । मेरा नाम अजय शर्मा है। मैं इस ब्लाग का लेखक और ज्योतिष विशेषज्ञ हूँ । अगर आप अपनी जन्मपत्री मुझे दिखाना चाहते हैं या कोई परामर्श चाहते है तो मुझे मेरे मोबाईल नम्बर (+91) 7234 92 3855 पर सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद ।
36. एकादश भाव पर सभी ग्रहों की मित्र दृष्टि हो ।
37. लग्नेश का द्वितीयेश के साथ और चंद्र राशीश के साथ इत्थसाल हो ।
38. 2, 9, 11 में शुभ ग्रह हों और लग्नेश की लग्न पर दृष्टि हो ।
39. द्वितीयेश लग्न में या द्वितीय भाव में हो और द्वितीय भाव में स्थित ग्रह से इत्थसाल में हो ।
40. द्वितीय भाव में द्वितीयेश के साथ शुभ ग्रह स्थित हों।
41. चंद्र और एकादशेश द्वितीय भाव में स्थित हों ।
42. लग्नेश और नवमेश की युति शुभ भाव में हो ।
43. लग्नेश त्रिकोण में और चंद्र स्वगृही हों या दोनों इत्थसाल में हों या दृष्टि में हों।
44. लग्नेश पर चंद्र की दृष्टि हो और लग्नेश चंद्र को देखता हो ।
45. लग्नेश या एकादशेश एकादश में स्थित होकर चंद्र से दृष्ट हो ।
46. लग्न में 3, 6, 7 या 11 राशि हो जिस पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो या लग्न में शुभ ग्रह स्थित हो ।
47. लग्न में बुध हो और मिथुन में बृहस्पति और शुक्र हों।
48. लग्नेश, एकादशेश और बली चंद्र शुभ भाव में इत्थसाल में हों।
49. चंद्रराशीश पर चंद्र की दृष्टि हो।
50. चंद्र या बृहस्पति 4, 7, 8, 10 भावों में किसी का स्वामी हो, उसका लग्न या लग्नेश से संबंध हो या उपरोक्त भावों में अकेले ही विद्यमान हो ।
51. सप्तमेश और चंद्र अस्त हों तो चोर चोरी के माल के साथ पकड़ा जाएगा।
52. लग्नेश और द्वितीयेश में इत्थसाल न हो तो खोयी वस्तु की खबर मिलेगी मगर वस्तु वापस नहीं प्राप्त होगी।
खोयी वस्तु पुलिस द्वारा प्राप्त होगी, अगर
1. लग्नेश और दशमेश युति या इत्थसाल में हों तो खोयी वस्तु पुलिस द्वारा वापस मिल जाएगी।
2. द्वितीयेश और लग्नेश पर दशमेश या पंचमेश की दृष्टि हो ।
3. दशमेश और चतुर्थेश की द्वितीयेश और द्वादशेश पर दृष्टि हो ।
4. लग्नेश और सप्तमेश में इत्थसाल हो तो चोर पुलिस के डर से माल वापस कर देगा।
5. अष्टमेश और दशमेश के मध्य इत्थसाल हो तो अधिकारी वर्ग चोर का पक्ष लेगा।
खोयी वस्तु प्राप्त नहीं होगी, अगर
1. लग्न में अशुभ ग्रह स्थित हो या लग्नेश अशुभ हो ।
2. आरूढ़ लग्न सप्तम भाव में हो।
3. यदि सप्तम भाव में मेष, कन्या या मकर राशि हो ।
4. लग्नेश सप्तम में स्थित हो ।
5. सूर्य लग्न में हो और चंद्र अस्त हो ।
6. द्वितीयेश सप्तम या अष्टम में स्थित हो ।
7. मंगल सप्तम या अष्टम में हो ।
8. राहु लग्न में और सूर्य अष्टम में हो।
9. अशुभ ग्रह केंद्र, त्रिकोण में हों और द्वितीय भाव पर शुभ प्रभाव न हो।
10. सप्तमेश और चंद्र की सूर्य से युति हो ।
11. अष्टमेश सप्तम या अष्टम में स्थित हो ।
12. लग्नेश सप्तम में वक्री होकर स्थित हो और सप्तमेश लग्न में मौजूद हो ।
13. एकादशेश अष्टम में हो और अष्टमेश के साथ युति हो ।
14. सप्तम भाव में शुभ ग्रह हों ।
15. द्वितीयेश अस्त हो तो चोर पकड़ा जाएगा मगर खोया माल नहीं मिलेगा।
16. लग्न मकर राशि का हो और शनि से दृष्ट न हो तो खोयी वस्तु के बारे में खबर मिलेगी, मगर वह मिलेगी नहीं।
17. लग्नेश और द्वितीयेश पर कोई दृष्टि नहीं हो।
18. लग्न या द्वितीय भाव पर लग्नेश की दृष्टि न हो ।
19. शनि और मंगल लग्न, आरूढ़ लग्न या नवमांश लग्न में स्थित हों।
20. लग्न में चर राशि हो ।
21. यदि 150 से अधिक का द्विस्वभाव लग्न हो ।
22. लग्न में सूर्य और अष्टम में राहु स्थित हों।
23. लग्नेश और एकादशेश निर्बल हों।
24. लग्नेश और द्वितीयेश निर्बल हों और दोनों का परस्पर संबंध नहीं हो।
25. केंद्र, त्रिकोण, 2 और 8 भाव में शुभ ग्रह स्थित हों या उनकी दृष्टि हो ।
क्या चोर पकड़ा जाएगा ? हां
1. यदि सप्तमेश अस्त हो।
2. सप्तमेश अशुभ ग्रहों के साथ केंद्र में स्थित हो ।
3. अष्टमेश अस्त हो।
4. दशमेश अस्त हो।
5. दशमेश और लग्नेश में इत्थसाल हो तो चोर पुलिस द्वारा पकड़ लिया जाएगा।
6. दशमेश और लग्नेश की युति हो ।
7. लग्नेश दशम भाव में स्थित हो ।
8. लग्नेश की सप्तम भाव पर दृष्टि न हो तो चोर चोरी के सामान सहित पकड़ा जाएगा।
9. लग्नेश और सप्तमेश की युति हो तो चोर चोरी के सामान सहित पकड़ा जाएगा।
10. चंद्र और सप्तमेश अस्त हों तो चोर चोरी के सामान सहित पकड़ा जाएगा।
11. तृतीयेश और नवमेश, सप्तमेश से इत्थसाल में हों तो चोर अन्य शहर में पकड़ा जाएगा।
12. सप्तमेश का तृतीयेश और दशमेश से इत्थसाल हो तो चोर अन्य शहर में पकड़ा जाएगा।
13. अष्टमेश का दशमेश से इत्थसाल हो तो पुलिस चोर की मदद करेगी।
14. राहु या केतु अष्टम में स्थित हो और लग्न में कोई ग्रह नहीं हो तो चोर पकड़ लिया जाएगा मगर चोरी का सामान नहीं मिलेगा और न ही उसका कुछ पता लगेगा।
15. लग्नेश और सप्तमेश में इत्थसाल हो तो चोर सामान स्वयं वापस कर देगा।
16. लग्नेश लग्न में स्थित हो तो चोर सामान स्वयं वापस कर देगा ।
17. सप्तमेश और अष्टमेश में राशि परिवर्तन हो तो चोरों में विवाद हो जाएगा और वे पकड़े जाएंगे।
18. चोर सामान वापस कर देगा अगर लग्नेश का सप्तम भाव में सप्तमेश से इत्थसाल हो और अष्टमेश लग्न में बैठा हो ।
19. लग्न से तृतीय भाव में अशुभ ग्रह हो और 5, 7 में शुभ ग्रह हों तो चोर सामान स्वयं वापस कर देगा ।
20. द्वितीयेश का लग्न या तृतीय भाव में स्थित ग्रह से इत्थसाल हो तो चोरी किया गया सामान किसी अन्य शहर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
21. चंद्रमा लग्न में चर राशि में स्थित हो तो सामान किसी अन्य नगर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
22. द्वितीयेश अस्त हो तो चोरी गया सामान चोर के पकड़े जाने के बावजूद प्राप्त नहीं होगा।
23. द्वितीयेश और अष्टमेश में इत्थसाल हो तो चोर पुलिस की वजह से नहीं पकड़ा जा सकेगा।
24. चंद्र अस्त हो या अशुभ ग्रह से दृष्ट हो तो खोया सामान चोर के पास नहीं है।
25. सप्तमेश केंद्र में स्थित हो तो चोर नगर / मोहल्ले में ही स्थित है और दूर नहीं भागा
26. सप्तमेश का चंद्र या लग्नेश से इत्थसाल हो तो चोर चोरी में पक्का है।
27. लग्नेश और द्वितीयेश की शुभ ग्रहों से युति हो या उनसे दृष्ट हों तो चोर पुलिस द्वारा पकड़ा जाएगा।
28. पंचमेश और दशमेश पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो या युति हो तो चोर पुलिस द्वारा पकड़ लिया जाएगा।
29. मंगल दशम में हो और अशुभ ग्रह सप्तम में स्थित हों तो पुलिस चोर को पकड़ लेगी।
कागज़ात कहीं रखकर भूल गये हैं या चोरी हुए हैं ?
प्रश्न ज्योतिष में, रख कर भूली वस्तु की जांच तृतीय / चतुर्थ भाव द्वारा की जाती है। तृतीय भाव और तृतीयेश वस्तु को रख कर भूलने के संकेतक हैं। चतुर्थ भाव और चतुर्थेश वस्तु के चोरी होने के संकेतक हैं।
1. चतुर्थ भाव पर चतुर्थेश की दृष्टि हो या चतुर्थ में बली और शुभ चंद्र स्थित हो तो खोये / भूले कागजात अपनी जगह पर सुरक्षित हैं।
2. बली, शुभ चंद्र लग्न में स्थित हो या लग्न में शीर्षोदय राशि हो तथा बली / शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो खोये कागज़ात घर के अंदर ही सुरक्षित हैं।
3. लग्न में बली, शुभ चंद्र हो या शीर्षोदय राशि हो और बली, शुभ ग्रह की दृष्टि हो या एकादशेश एकादश भाव में बली होकर बैठा हो तो जातक खोयी वस्तु को शीघ्र प्राप्त कर लेगा ।
लग्न में प्रथम द्रेष्काण हो तो वस्तु घर के मुख्य द्वार के निकट स्थित है। लग्न में द्वितीय द्रेष्काण हो तो वस्तु घर के अंदर है। तृतीय द्रेष्काण हो तो वस्तु घर के पृष्ठ भाग में रखी है। 1, 2, 3 द्रेष्काण से क्रमशः अलमारी के नीचे का खाना, मध्य भाग और ऊपरी भाग का बोध भी होता है।
लग्न में स्थित राशि हो या नवमांश लग्न में स्थिर राशि हो या वर्गोत्तम स्थिर राशि हो तो खोयी वस्तु परिवार के किसी सदस्य के पास है अन्यथा बाहर के किसी व्यक्ति ने ली है या घर के बाहर चली गयी है ।
वस्तु वापस नहीं मिलेगी
1. अगर चंद्र और सूर्य 6, 8, 12 में स्थित हों तो कुछ नहीं मिलेगा।
2. चतुर्थ भाव में अशुभ ग्रह हों तो वस्तु नहीं मिलेगी।
3. सप्तम में मंगल, 8 में सूर्य और लग्न में राहु हो तो वस्तु नहीं मिलेगी।

पूर्ण चंद्र चतुर्थ में स्थित है और लग्न में स्थित राशीश मंगल से दृष्ट है।
लग्नेश सूर्य दशम भाव में होकर केंद्र में बली है। दिशाबल भी है, मगर शत्रुक्षेत्री है। नीच के बृहस्पति की दृष्टि है और अष्टम में स्थित शत्रु शनि से भी दृष्ट है।
बुध द्वितीयेश और एकादशेश होकर सूर्य और शनि के मध्य पापकर्तरी योग में है ।
तृतीयेश केंद्र में स्वराशि में स्थित है, अतः जातक कागज़ात कहीं रख कर भूल गये हैं।
लग्न में स्थिर राशि है, लग्नेश और चंद्र भी स्थिर राशि में हैं। अतः कागज़ात अपनी जगह पर ही मौजूद हैं। जब लग्नेश सूर्य और कारक मंगल के मध्य सहायक इत्थसाल होगा तो दस्तावेज मिल जाएंगे। सूर्य और मंगल के मध्य अंशों का अंतर 19° है। अतः 19 दिन में दस्तावेज मिलेंगे। स्थिर राशि में होने के कारण दिनों की संख्या दुगुनी अर्थात लगभग 38 दिन में जब चंद्रमा द्वारा कंबूल योग का निर्माण होगा तब दस्तावेज मिलेंगे।
प्रश्न ज्योतिष
- प्रश्न ज्योतिष क्या है ?
- राशियों का वर्गीकरण
- ग्रह की विशेषताएं
- ताजिक दृष्टियां और योग
- भावों के कारकत्व
- प्रश्न की प्रकृति
- लग्न और भावों के बल
- घटनाओं का समय निर्धारण
- प्रश्न कुंडली से रोगी और रोग का ज्ञान
- प्रश्न कुंडली से यात्रा और यात्री का विचार
- प्रश्न कुंडली से चोरी और गायब सामान की वापसी
- प्रश्न कुंडली से विवाह का विचार
- प्रश्न कुंडली से संतान का विचार
- प्रश्न कुंडली से न्यायाधीन विवाद का विचार
- प्रश्न कुंडली से लाभ-हानि का विचार
- प्रश्न कुंडली से राजनीति का विचार
- प्रश्न कुंडली से जेल यात्रा का विचार
- विविध प्रश्न
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