कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव

कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। वह पृथ्वी की परिक्रमा तो करता ही है, साथ ही पृथ्वी की भांति सूर्य की भी परिक्रमा करता है। चंद्रमा और पृथ्वी की कक्षाएं समांतर नहीं हैं। ये परस्पर 50° का कोण बनाती हैं। ये दोनों कक्षाएं दो Read more

शनि की साढ़े साती और ढय्या

शनि की साढ़े साती और ढय्या शनि एक मंद गति से चलने वाला ग्रह है। जब यह अशुभ ग्रह की तरह कार्य करता है तो संबद्ध जातक के जीवन पर इसका बहुत धीरे-धीरे लेकिन स्थिर प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव इतना अधिक पीड़ादायक होता है कि इसके कारण लोग शनि Read more

कुंडली में शनि का प्रभाव

कुंडली में शनि का प्रभाव ज्योतिष शास्त्र में शनि को प्राकृतिक अशुभ या क्रूर ग्रह मानकर इसकी टेढ़ी-मेढ़ी सीधी चालों से भय माना जाता रहा है। लेकिन कई लग्नों वाले जातकों पर इसका चमत्कारिक रूप से शुभ प्रभाव भी पड़ता है। शनि को सौर परिवार का ही नहीं वरन् आकाशीय Read more

कुंडली में शुक्र का प्रभाव

कुंडली में शुक्र का प्रभाव सौरमंडल के मुख्य ग्रहों में से शुक्र ही ऐसा ग्रह है जिसे सूर्य और पृथ्वी दोनों का ही पड़ौसी कहा जा सकता है। शुक्र अपनी अंडाकार कक्षा में लगभग 22 मील प्रति सेकंड की गति से चलता हुआ लगभग 225 दिन (224 दिन 10 घंटे Read more

कुंडली में बृहस्पति का प्रभाव

कुंडली में बृहस्पति का प्रभाव सौरमंडल के केंद्र सूर्य के बाद विशाल आकार में बृहस्पति का स्थान आता है। यह सूर्य को छोड़कर शेष सभी ग्रहों से विशालकाय तथा भारी ग्रह है। पृथ्वी की अपेक्षा यह 318 गुना बड़ा है। विशाल आकार के कारण यह ग्रह भी तेज नहीं चल Read more

कुंडली में बुध का प्रभाव

कुंडली में बुध का प्रभाव बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा और सबसे चंचल ग्रह समझा जाता है इसलिए अंग्रेजी में इसे मरकरी (MERCURY) अर्थात् ‘पारा’ कहा गया है। यह सूर्य का निकटतम पड़ौसी है और मात्र 88 दिन में उसकी एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। इसकी कोणीय दूरी Read more

कुंडली में मंगल का प्रभाव

कुंडली में मंगल का प्रभाव अंगारक, कुज, वक्र और भौम आदि अनेक नामों से पुकार जाने वाला ग्रह मंगल सौरमंडल का सेनापति माना जाता है। यह ग्रह सूर्य की एक परिक्रमा करने में 687 दिन लगाता है और इसकी गति में परिवर्तन होता रहता है। अंतरिक्ष की अपनी कक्षा में Read more

कुंडली में चंद्र का प्रभाव

कुंडली में चंद्र का प्रभाव भारतीय सनातन ज्योतिष मूल रूप में चंद्र आधारित है। सौरमंडल के सभी ग्रहों की अपेक्षा चंद्र का आकार बहुत छोटा है। यह ग्रह (उपग्रह) सौरमंडल में पृथ्वी के सबसे निकट स्थित है। चंद्रमा सूर्य की परिक्रमा के साथ-साथ पृथ्वी की भी परिक्रमा करता है। पृथ्वी Read more

कुंडली में सूर्य का प्रभाव

कुंडली में सूर्य का प्रभाव सूर्य अपने सक्रांति पथ पर संचरण करते हुए एक राशि के 30 अंशों का भ्रमण लगभग एक माह में पूरा करता है। सूर्य अंग्रेजी महीने अप्रैल की 13 तारीख से अपना सफर मेष राशि से (निरंयन पद्धति के अनुसार) शुरू करता है। अपने संक्राति पथ Read more