कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव

कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। वह पृथ्वी की परिक्रमा तो करता ही है, साथ ही पृथ्वी की भांति सूर्य की भी परिक्रमा करता है। चंद्रमा और पृथ्वी की कक्षाएं समांतर नहीं हैं। ये परस्पर 50° का कोण बनाती हैं। ये दोनों कक्षाएं दो Read more…

कुंडली में शनि का प्रभाव

कुंडली में शनि का प्रभाव सौरमंडल का सबसे खूबसूरत और श्रृंगार सज्जित ग्रह शनि पृथ्वी से 89,00,00,000 मील की दूरी पर स्थित है। यह अपने दस चंद्रमाओं, तीन वलय कंगनों और नील वर्ण से सुशोभित होकर अत्यंत मंदगति से आकाशीय कक्षा में चलता हुआ लगभग 29.46 वर्ष में सूर्य की Read more…

कुंडली में शुक्र का प्रभाव

कुंडली में शुक्र का प्रभाव सौरमंडल के मुख्य ग्रहों में से शुक्र ही ऐसा ग्रह है जिसे सूर्य और पृथ्वी दोनों का ही पड़ौसी कहा जा सकता है। सूर्य से इसकी दूरी 6,70,00,000 मील और पृथ्वी से अधिकतम 3,43,00,000 मील और न्यूनतम 20,00,000 मील है। आकार में यह ग्रह पृथ्वी Read more…

कुंडली में बृहस्पति का प्रभाव

कुंडली में बृहस्पति का प्रभाव सौरमंडल के केंद्र सूर्य के बाद विशाल आकार में बृहस्पति का स्थान आता है। यह सूर्य को छोड़कर शेष सभी ग्रहों से विशालकाय तथा भारी ग्रह है। पृथ्वी की अपेक्षा यह 318 गुना बड़ा है। विशाल आकार के कारण यह ग्रह भी तेज नहीं चल Read more…

कुंडली में बुध का प्रभाव

कुंडली में बुध का प्रभाव बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा और सबसे चंचल ग्रह समझा जाता है इसलिए अंग्रेजी में इसे मरकरी (MERCURY) अर्थात् ‘पारा’ कहा गया है। यह सूर्य का निकटतम पड़ौसी है और मात्र 88 दिन में उसकी एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। इसकी कोणीय दूरी Read more…

कुंडली में मंगल का प्रभाव

कुंडली में मंगल का प्रभाव अंगारक, कुज, वक्र और भौम आदि अनेक नामों से पुकार जाने वाला ग्रह मंगल सौरमंडल का सेनापति माना जाता है। यह ग्रह भार में पृथ्वी से मात्र दसवें हिस्से भार वाला तथा आकार में पृथ्वी से लगभग आधा है। इसका व्यास 4115 मील आंका जाता Read more…

कुंडली में चंद्र का प्रभाव

कुंडली में चंद्र का प्रभाव भारतीय सनातन ज्योतिष मूल रूप में चंद्र आधारित है। सौरमंडल के सभी ग्रहों की अपेक्षा चंद्र का आकार बहुत छोटा है। यह ग्रह (उपग्रह) सौरमंडल में पृथ्वी के सबसे निकट (केवल 2,37,84,000 मील की दूरी) स्थित है। चंद्रमा सूर्य की परिक्रमा के साथ-साथ पृथ्वी की Read more…

कुंडली में सूर्य का प्रभाव

कुंडली में सूर्य का प्रभाव सूर्य संपूर्ण सौर परिवार का पिता और मुखिया माना जाता है। पृथ्वी तथा सौरमंडल के अन्य ग्रह अनुशासनबद्ध और कृतज्ञ संतानों की तरह सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं । सूर्य का प्रकाश ही सौरमंडल के सभी ग्रहों को आलोकित तथा प्राणवान बनाता है। सूर्य Read more…