समाज के विभिन्न वर्गों के हाथ
संसार में जितने भी पुरूष हैं, उनके हाथों में कुछ न कुछ विशेषता पाई जाती है। परन्तु अनुभव में ऐसा आया है कि एक विशेष वर्ग के व्यक्तियों के हाथों में एकरूपता या समानता पाई जाती है। नीचे की पंक्तियों में मैं समाज के विभिन्न वर्गों में सम्बन्धित हाथ की विशेषताओं का संक्षिप्त परिचय स्पष्ट कर रहा हूँ।
व्यवसायी
जो व्यक्ति व्यापार या व्यवसाय करता है, उसके
- हाथ का अंगूठा सीधा तथा पीछे की तरफ किचित् का हुआ होता है
- इसके साथ ही हथेली में उसकी मस्तिष्क रेखा सीधी और स्पष्ट होती है एवं
- बुध पर्वत सामान्यतः उभरा हुआ होता है।
- यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि एक सफल व्यवसायी के बुध पर्वत पर किसी प्रकार का कोई जाल नहीं होता।
- बुध की उंगली अर्थात् कनिष्ठिका कुछ लम्बाई लिए हुए होती है।
- बुध पर्वत की ओर यदि मस्तिष्क रेखा की कोई शाखा आ रही हो, तो यह तुरन्त समझ लेना चाहिए कि यह व्यक्ति अपने क्षेत्र में पूर्ण सफल सम्पन्न व्यक्ति है।
- इसके साथ ही जिसके हाथ की उंगलियां हथेली की अपेक्षा लम्बाई लिए हुए हों, तो उसके जीवन में व्यवसाय की दृष्टि से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती ।
लखपती
जिसके हाथ में
- सूर्य रेखा अपने आप में प्रबल हो
- साथ ही जिसका शुक्र पर्वत विकसित हो और उस पर किसी प्रकार का कोई जाल या टूटी हुई रेखा न हो, तो समझ लेना चाहिए कि यह व्यक्ति आर्थिक दृष्टि से अनुकूल है
- जब भाग्य रेखा सीधी, स्पष्ट और लालिमा लिए हो तथा उसकी कोई एक शाखा सूर्य पर्वत की ओर जा रही हो
- साथ ही मस्तिष्क रेखा पूर्णतः विकसित हो तो निश्चय ही वह व्यक्ति लखपति होता है।
ऐसा व्यक्ति आर्थिक दृष्टि से पूर्ण अनकूलता प्राप्त कर पूर्ण सुख उपभोग करता है।
एकाउन्टेन्ट
एकाउन्टेन्ट या मुनीम के हाथ में यह विशेषता होती है कि
- उसका बुध पर्वत अपने आप में विकसित तथा ऊंचा उठा हुआ होता है।
- साथ ही उसका सूर्य पर्वत भी उभरा हुआ होता है एवं उस पर सूर्य रेखा पूरी तरह से देखी जा सकती है।
- साथ ही साथ भाग्य रेखा का भी अध्ययन किया जाना चाहिए। यदि भाग्य रेखा बिना कहीं से कटे मध्यमा के मूल में स्थित शनि पर्वत पर सफलता के साथ जा रही हो, तो ऐसा व्यक्ति एक सफल एकाउन्टेन्ट होता है।
- यदि ऊपर लिखे तथ्य हों और मध्यमा उंगली एवं कनिष्ठिका उंगली सामान्यतः कुछ लम्बाई लिए हुए हो साथ ही अंगूठे मजबूत हों, तो वह व्यक्ति बैंक में महत्वपूर्ण पद पर होता है। ऐसा व्यक्ति इनकमटैक्स अधिकारी भी हो सकता है।
- यदि इन लक्षणों के अलावा चन्द्र रेखा पूर्णतः विकसित हो तथा भाग्य रेखा भी सहायक हो, तो वह व्यक्ति चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट होता है।
न्यायाधीश
जिस व्यक्ति के हाथ में
- तर्जनी उंगली अनामिका से कुछ लम्बाई लिए हुए हो तथा कनिष्ठिका उंगली अनामिका के तीसरे पौर से ऊपर उठी हुई हो, साथ ही साथ सभी उंगलियां सुन्दर हों, गुरु पर्वत पूर्णतः विकसित हो तथा उस पर क्रॉस का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति विख्यात वकील होता है।
- ऊपर लिखे गुण होने के साथ-साथ यदि व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा निर्दोष, पतली तथा स्पष्ट हो, साथ ही सूर्य पूर्ण प्रभाव युक्त हो और अंगूठा लम्बा तथा पीछे की तरफ झुका हुआ हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही सफल न्यायाधीश होगा।
- ऊपर लिखे गुण होने के साथ-साथ यदि भाग्य रेखा से कोई शाखा गुरु पर्वत पर पहुंचती हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही मुख्य न्यायाधीश होता है।
शिल्पकार
यदि हाथ की उंगलियां लम्बी हों तथा ऊपर के सिरे चौकोर हों, साथ ही सूर्य रेखा पूर्णत: विकसित स्पष्ट तथा गहरी हो एवं शनि क्षेत्र पर किसी प्रकार की बाधक रेखाएं न हों और उसका अंगूठा पतला तथा कुछ लम्बाई लिए हुए हो, तो निश्चय ही ऐसा व्यक्ति एक सफल मूर्तिकार अथवा शिल्पकार होता है।
सैनिक
जिस व्यक्ति का शरीर अपने आप में स्वस्थ, पुष्ट, प्रबल तथा पूरी लम्बाई लिए हुए हो और उसके हाथ सामान्यतः लम्बे हों, तो ऐसे व्यक्ति में सैनिक के चिन्ह देखने को मिलते हैं।
इसके साथ ही साथ उसकी हथेली में यदि मंगल क्षेत्र विस्तार लिए हुए हो तथा मंगल पर किसी उज्ज्वल तारे का चिन्ह हो, साथ ही उसकी भाग्य रेखा विकसित तथा स्पष्ट हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही एक सफल स्थल सैनिक बनता है।
यदि ऊपर लिखे हुए गुणों के साथ-साथ दोनों मंगल हथेली में बहुत अधिक विकसित हों एवं सूर्य पर्वत पर सूर्य रेखा स्पष्ट और निर्दोष रूप से अंकित हो तथा अंगूठा मजबूत लम्बाई लिए हुए तथा सामान्यतः पीछे की तरफ झुका हुआ हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही जनरल या ब्रिगेडियर होता है।
ऊपर लिखे गुणों के अलावा यदि सूर्य रेखा पर सुन्दर त्रिकोण का चिन्ह हो तथा सभी उंगलियां अपने आप में पूर्ण लम्बाई लिए हुए हों, तो ऐसा व्यक्ति निश्चय ही स्थल सेनाध्यक्ष होता है।
आई० ए० एस०
आई०ए० एस० व्यक्ति कलेक्टर, सेक्रेटरी या प्रशासन के महत्वपूर्ण पद पर रहते हैं और ऐसे व्यक्ति शासन में बहुत अधिक सहायक होते हैं।
जिनके हाथों में
- बुध की उंगली अर्थात् कनिष्ठिका लम्बाई लिए हुए हो और उसका अन्तिम सिरा अनामिका के तीसरे पौर से आगे अर्थात् आधे से अधिक हिस्से तक पहुंच चुका हो
- इसके साथ ही साथ सूर्य रेखा अत्यन्त उच्च कोटि की हो तो वह व्यक्ति आई०ए० एस० अधिकारी होता है।
- यदि सूर्य रेखा में कमजोरी होती है, या कटी हुई होती है, तो वह व्यक्ति मात्र आई० ए० एस० अधिकारी ही होकर रह जाता है।
- यदि कनिष्ठिका लम्बी हो, सूर्य रेखा भी अपने आप में पुष्ट हो तथा मस्तिष्क रेखा पूर्ण विकसित हो और उसके साथ ही साथ भाग्य रेखा लम्बी निर्दोष तथा पूर्ण हो, तो वह व्यक्ति केन्द्रीय सरकार में उच्चपदस्थ अधिकारी होता है।
- भाग्य रेखा तथा गुरु पर्वत बहुत अधिक श्रेष्ठ हों, तो वह व्यक्ति निश्चय ही केन्द्रीय सेवा में सेक्रेटरी या अत्यन्त उच्चपदस्थ व्यक्ति होता है, जिसके कार्यों का प्रशासन पर पूरा-पूरा प्रभाव पड़ता है।
नाविक ( जल सेना)
जो नाव पर या जहाज पर कार्य करने वाले होते हैं अथवा नेवी में उच्चपदस्थ अधिकारी होते हैं, उनको यहां नाविक के नाम से सम्बोधित कर रहा हूं। एक श्रेष्ठ तथा कुशल जलसेना नायक का हाथ
- पूर्ण लम्बाई लिए हुए होता है तथा
- उस पर चन्द्र पर्वत पूर्ण विकसित अवस्था में होता है जिसकी हथेली में चन्द्र पर्वत विकसित हो तथा चन्द्रमा के पर्वत से रेखा निकलकर सूर्य की तरफ जा रही हो एवं
- भाग्य रेखा तथा मस्तिष्क रेखा अपने आप में पूर्ण विकसित हों, तो वह व्यक्ति निस्संदेह जल सेनाध्यक्ष होता है।
- यदि चन्द्र पर्वत कम उभरा हुआ हो या चन्द्र रेखा कमजोर हो और अन्य सभी गुण हथेली में हों, तो वह नेवी में उच्च पद पर कार्य करने वाला होता है।
- यदि चन्द्र पर्वत अत्यन्त दबा हुआ हो तथा भाग्य रेखा कमजोर हो, तो वह केवल नाव चलाने वाला नाविक होता है।
डाक्टर
जिसकी हथेली में
- बुध पर्वत पूर्ण विकसित हो तथा कनिष्ठिका पूरी लम्बाई लिए हुए हो, जिसका सिरा अनामिका के ऊपरी पौर के मध्य तक जाता हो तथा
- बुध क्षेत्र पर तीन बार खड़ी रेखाएं हों, तो ऐसा व्यक्ति एक सफल डाक्टर होता है।
- यदि ऊपर लिखे गुण हथेली में हों, पर इसके साथ ही साथ मंगल पर्वत अत्यन्त विकसित हो तथा मंगल रेखा भी पुष्ट एवं प्रबल हो, तो वह व्यक्ति एक सफल सर्जन होता है।
- यदि मंगल पर्वत दबा हुआ हो, इसके अलावा अन्य सभी गुण हथेली में हों तथा बृहस्पति पूर्ण विकसित हो और उस पर वर्ग का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति ख्याति प्राप्त वैद्य होता है।
इंजीनियर
यहां इंजीनियर से मेरा तात्पर्य वैज्ञानिक एवं मैकेनिक से भी है। यदि किसी मनुष्य की
- सभी उंगलियां पूरी लम्बाई लिए हुए हों तथा
- शनि पर्वत विकसित हो तथा उस पर भाग्य रेखा निर्दोष रूप से आकर ठहरी हुई हो एवं
- बुध पर्वत पर तीन-चार खड़ी रेखाएं हों, तो वह व्यक्ति एक सफल वैज्ञानिक होता है।
- यदि ऊपर लिखे गुण हों, पर वृहस्पति पर्वत कमजोर हो, तो वह एक सफल इंजीनियर होता है।
- यदि इंजीनियर के चिन्ह हों तथा चन्द्र पर्वत श्रेष्ठ हो, तो वह वाटर वर्क्स में इंजीनियर होता है।
- यदि ऊपर लिखे चिन्ह हथेली में हों तथा मस्तिष्क रेखा और शनि रेखा पूर्ण विकास लिए हुए हो, तो वह व्यक्ति एक सफल वायुयान चालक होता है, पर उसमें चन्द्र पर्वत तथा चन्द्र रेखा अत्यन्त श्रेष्ठ होनी आवश्यक है।
धर्माचार्य
यदि किसी मनुष्य की हथेली में
- तर्जनी अनामिका से लम्बी हो तथा गुरु पर्वत पूर्ण विकास लिए हुए हो और उस पर क्रॉस का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही एक सफल पुरोहित या धार्मिक व्यक्ति होता है।
- यदि ऊपर लिखे चिन्ह हो तथा सूर्य पर्वत और सूर्य रेखा बहुत अधिक विकसित हो, तो वह व्यक्ति प्रसिद्ध उपदेशक या धर्माचार्य होता है।
- यदि ऊपर लिखे चिन्ह हों तथा जीवन रेखा कटी हुई हो, तो ऐसा व्यक्ति निश्चय ही सन्यासी होता है और सन्यासी होने के बाद ही उसको यश तथा सम्मान मिलता है।
कलाकार
जब किसी व्यक्ति की हथेलियां परी लम्बाई लिए हुए तथा गांठ रहित हो एवं उसकी उंगलियां ढलवी हों और उंगली के ऊपर के सिरे नोकीले हों, तो वह व्यक्ति सफल कलाकार होता है।
यदि ऊपर लिखे गुण हों साथ ही चन्द्र पर्वत पूर्ण विकसित हो, तो वह व्यक्ति श्रेष्ठ चित्रकार माना जाना है।
यदि बुध पर्वत विकसित हो तथा बुध रेखा भी पूर्ण लम्बी तथा निर्दोष रूप से बढ़ी हुई हो, तो वह व्यक्ति सफल संगीतज्ञ होता है।
यदि ऊपर लिखे गुण हों तथा शुक्र पर्वत पूरी तरह से विकास पर हो तथा उसका क्षेत्र अत्यन्त फैला हुआ हो, तो वह व्यक्ति सफल नृत्यकार होता है तथा प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
इसके साथ-साथ भाग्य रेखा तथा सूर्य रेखा जितनी ही ज्यादा स्पष्ट, गहरी तथा लालिमा लिए हुए होगी, वह व्यक्ति उतना ही ज्यादा सफल लोकप्रिय तथा विख्यात होगा।
साहित्यकार
जिस व्यक्ति की हथेली में गुरु पर्वत तथा चन्द्र पर्वत पूर्ण उभार लिए हुए हो तथा सूर्य की जंगली तर्जनी से लम्बी हो और उंगलियों में गांठें नहीं हों, तो वह व्यक्ति एक सफल साहित्यकार होता है।
इसके साथ ही साथ सूर्य रेखा यदि लम्बी हो, निर्दोष हो तथा सूर्य पर्वत अपने स्थान पर हो, तो वह लेखन के माध्यम से प्रसिद्धि प्राप्त करता है
यदि ऊपर लिखे गुण हों और चन्द्र रेखा धनुष रूप में होकर बुध पर्वत की ओर आ रही हो, तो वह व्यक्ति एक सफल कवि होता है ।
इसके साथ ही साथ यदि भाग्य तथा मस्तिष्क रेखा पूर्ण विकसित एवं स्पष्ट हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही अपने क्षेत्र में यश, सम्मान तथा प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
अभिनेता-अभिनेत्री
यदि हाथ की सभी उंगलियां कोमल तथा ढलवीं हों तथा सूर्य की उंगली विशेष लम्बी हो तथा ऊपर से नोकदार हों तथा मस्तिष्क रेखा एवं भाग्य रेखा पूरी लम्बाई लिए हुए हो, तो वह व्यक्ति सफल अभिनेता या अभिनेत्री होता है।
यदि सूर्य रेखा विशेष रूप से सुन्दर, लम्बी, स्पष्ट, मुलायम और निर्दोष रूप से लम्बाई लिए हुए हो, तो वह अद्वितीय कलाकार होता हैं ।
यदि सूर्य रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो वह कलाकार या अभिनेत्री विश्वविख्यात होती है।
कामी हाथ
यदि हथेली में शुक्र क्षेत्र बेडौल, जरूरत से ज्यादा उभरा हुआ, कोमल तथा फैला हुआ हो, इसके साथ ही अंगूठे का पोरुआ अधिक लम्बा हो तथा शुक्र पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह अंकित हो तो वह व्यक्ति जरूरत से ज्यादा कामी होता है।
यदि इसके साथ ही शनि रेखा पर बिन्दु या क्रॉस हो तो वह इस क्षेत्र में बदनामी उठाता है
हत्यारा
यदि हथेली में हृदय रेखा का अभाव हो तथा शुक्रवलय दोहरा हो, इसके साथ ही साथ पूरा हाथ सख्त तथा मजबूत हो और अंगूठा ठिगना, मोटा तथा थुलथुला हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही हत्यारा होता है।
यदि इसके साथ ही साथ हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा तीनों मंगल पर्वत पर मिलती हों, तो वह व्यक्ति निश्चय ही क्रूर और निर्दयी हत्यारा होगा तथा जीवन में एक से अधिक पाए करेगा ।
गुप्तचर
यदि हथेली में शनि पर्वत अविकसित हो तथा बुध पर्वत दबा हुआ हो, पर भाग्यरेखा पूरी लम्बाई लिए हुए हो और मंगल पर्वत पर त्रिभुज का चिन्ह लिए हुए हो, तो वह व्यक्ति सफल गुप्तचर होता है।
शिक्षक
जिसके हाथ में जीवन रेखा, भाग्य रेखा तथा सूर्य रेखा विकसित हो तथा गुरु पर्वत विकसित हो और उस पर क्रॉस का चिन्ह हो तथा अनामिका से तर्जनी उंगली लम्बी हो, तो वह सफल शिक्षक (लेक्चरार) होता है।
0 Comments