हस्त-चिन्ह
रेखाओं के अलावा भी हाथ पर कई ऐसे चिन्ह होते हैं, जिनका अध्ययन भी अत्यन्त आवश्यक होता है। हथेली में पाए जाने वाले ऐसे चिन्ह प्रमुख रूप से आठ होते हैं।
1. त्रिभुज, 2. क्रॉस 3. बिन्दु 4. वृत्त 5. द्वीप, 6. वर्ग, 7. जाल, 8. नक्षत्र।
अब मैं इनमें से प्रत्येक का संक्षेप में विवेचन कर रहा हूँ।
त्रिभुज
हथेली में अगर कहीं पर भी तीन तरफ से आकर रेखाएं परस्पर मिलती हों तो त्रिभुज का आकार बनता है। यह त्रिभुज छोटा या बड़ा हो सकता है। हथेली में ये त्रिभुज अलग-अलग स्थानों पर देखे जा सकते हैं।
1. जो त्रिभुज स्पष्ट निर्दोष तथा गहरी रेखाओं से बनता है वह शुभ फलदायी कहा जाता है।
2. हथेली में जितना बड़ा त्रिभुज होगा उतना ही ज्यादा लाभदायक एवं सौभाग्यशाली कहा जाएगा।
3. हथेली के मध्य में जो त्रिभुज पाया जाता है, उससे यह ज्ञात होता है कि वह व्यक्ति भाग्यवान, ईश्वर में विश्वास रखने वाला तथा उन्नतिशील है। उसकी शारीरिक एवं मानसिक वृत्तियां शुद्ध होती हैं। ऐसा व्यक्ति शान्त एवं मधुर स्वभाव का होता है। समाज में उसका सम्मान होता है।
4. बड़ा त्रिभुज व्यक्ति के विशाल हृदय का परिचायक है।
5. संकीर्ण अस्पष्ट त्रिभुज व्यक्ति की संकीर्ण मनोवृत्ति को स्पष्ट करता है।
6. यदि किसी व्यक्ति की हथेली में बड़े त्रिभुज में एक और छोटा त्रिभुज बन जाए तो वह व्यक्ति निश्चय ही उच्च पद प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करता है।
7. यदि शुक्र पर्वत पर त्रिभुज हो तो वह व्यक्ति सरल और मधुर स्वभाव वाला रसिक मिजाज, शान-शौकत से रहने वाला तथा ऊंचे स्तर का व्यक्ति होता है।
8. यदि हथेली में टूटा हुआ लहरदार या दूषित त्रिभुज हो तो वह व्यक्ति कामी एवं पर स्त्रीगामी होता है। यदि स्त्री के हाथ में ऐसा त्रिभुज हो तो वह निश्चय ही कुलटा होती है।
9. यदि मंगल पर्वत पर त्रिभुज हो तो व्यक्ति रणकुशल तथा युद्ध में धैर्य दिखाने वाला होता है। वीरता में वह राष्ट्रीय पुरस्कारों से सुशोभित होता है। परन्तु यदि इस पर्वत पर दूषित त्रिकोण हो तो वह व्यक्ति निर्दयी तथा कायर होता है।
10. यदि राहु क्षेत्र पर बिना दोष के त्रिभुज हो तो ऐसा व्यक्ति अपने यौवनकाल में अत्यन्त ऊंचे पद पर पहुंचता है। साथ ही वह व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करता है। यदि राहु क्षेत्र पर दो संयुक्त त्रिभुज हों तो वह व्यक्ति अभाग्य-शाली माना जाता है।
11. प्लूटो पर्वत पर यदि श्रेष्ठ त्रिभुज हो तो उसका बुढ़ापा आनन्द से व्यतीत होता है। परन्तु दो संयुक्त त्रिभुज होने पर उसकी बुढ़ापे में बदनामी होती है।
12. यदि गुरु पर्वत पर निर्दोष त्रिभुज हो तो ऐसे व्यक्ति धूर्त कूटनीतिज्ञ तथा हमेशा अपनी उन्नति की इच्छा रखने वाले होते हैं। इसके विपरीत दोषयुक्त त्रिभुज होने पर वह घमण्डी तथा स्वार्थी होता है।
13. शनि पर्वत पर निर्दोष त्रिभुज हो तो वह व्यक्ति तंत्र मंत्र के क्षेत्र में अधिकारी माना जाता है । सदोष त्रिभुज होने पर वह ऊंचे स्तर का ठग तथा धोखा देने वाला होता है।
14. सूर्य पर्वत पर यदि निर्दोष त्रिभुज हो तो वह व्यक्ति धार्मिक परोपकारी, तथा दूसरों का हितचिन्तन करने वाला होता है। जबकि सदोष त्रिभुज होने पर समाज में निन्दा का पात्र बनता है । उसे जीवन में सफलता नहीं मिल पाती तथा उसकी भाग्यवृद्धि में बराबर बाधाएं आती रहती हैं।
15. यदि बुध क्षेत्र पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो वह व्यक्ति अपने जीवन में एक सफल वैज्ञानिक होता है साथ ही व्यापार की दृष्टि से भी जीवन में अत्यन्त उच्च कोटि की सफलता प्राप्त करता है। ऐसे लोग विदेशों में अपना व्यापार फैलाकर लाभ उठाते हैं। यदि दोष युक्त त्रिभुज हो तो वह संचित पूंजी समाप्त करता है, तथा व्यापार में दिवालिया होकर समाज में बदनामी उठाता है।
16. यदि आयु रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह दिखाई दे तो व्यक्ति दीर्घायु होता है।
17. मस्तिष्क रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह रखने वाला तेज बुद्धि तथा श्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त करने वाला होता है।
18. यदि हृदय रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति का बुढ़ापे में भाग्योदय होता है।
19. यदि त्रिभुज का चिन्ह स्वास्थ्य रेखा पर हो तो व्यक्ति का स्वास्थ्य अत्यन्त श्रेष्ठ होता है।
20. यदि सूर्य रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह दिखाई दे तो वह व्यक्ति किसी भी एक क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सफलता प्राप्त करता है।
21. जिस व्यक्ति के भाग्य रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो वह भाग्यहीन होता है तथा जीवन में वह असफल ही होता देखा गया है।
22. अगर विवाह रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो उसके विवाह में कई प्रकार की बाधाएं आती हैं तथा उसका गृहस्थ जीवन प्रायः असफल सा रहता है।
23. यदि चन्द्र रेखा पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो वह अपने जीवन में कई बार विदेश यात्राएं करता है तथा सफलता प्राप्त करता है।
24. यदि जीवन तथा मस्तिष्क रेखा से त्रिकोण बनता है तो ऐसा त्रिकोण शुभ होता है।
25. यदि स्वास्थ्य तथा मस्तिष्क रेखा से मिलकर त्रिभुज का चिन्ह बनता हो तो वह प्रखर बुद्धि का होता है ।
26. यदि स्वास्थ्य तथा जीवन रेखा से मिलकर त्रिभुज का चिन्ह बनता हो तो वह व्यक्ति को बहुत अधिक ऊंचा उठाने में सहायक होता है।
27. यदि हथेली में उभरा हुआ त्रिकोण हो तो वह व्यक्ति लड़ाकू स्वभाव का होता है।
28. यदि त्रिकोण की रेखाएं उभरी हुई पुष्ट तथा चौड़ी हों तो वह व्यक्ति दूसरों की भलाई करने वाला होता है।
29. यदि त्रिकोण की रेखाएं बहुत चौड़ी हों तथा मंगल पर्वत पुष्ट हो तो वह व्यक्ति बिना हिचकिचाहट के आगे बढ़ने वाला होता है ।
30. यदि दोनों हाथों में चपटा त्रिभुज हो तो उस व्यक्ति का जीवन एक प्रकार से महत्वहीन होता है।
31. यदि रेखाएं गहरी और पतली हो तो वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त करता है।
32. यदि त्रिकोण की रेखाएं फीकी तथा कटी हुई हों तो वह व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भौतिक तथा स्वार्थी होता है।
33. यदि त्रिकोण से कुछ सहायक रेखाएं ऊपर की ओर बढ़ रही हों तो उस व्यक्ति को काफी बाधाओं के बाद सफलता प्राप्त होती है।
34. यदि त्रिकोण के अन्दर का भाग चौड़ा हो तो वह व्यक्ति आलसी होता है।
35. यदि स्वास्थ्य रेखा उन्नत हो तथा त्रिकोण भी बड़ा हो तो वह व्यक्ति दीर्घायु होता है।
36. यदि त्रिकोण के ऊपर क्रॉस का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की दुर्घटनाएं घटित होती हैं।
37. यदि त्रिकोण के नीचे के भाग में क्रॉस का चिन्ह हा तो वह व्यक्ति अपने जीवन में महत्वपूर्ण होता है।
38. यदि लम्बी उंगलियां हों तथा त्रिकोण के अन्दर क्रॉस हो तो व्यक्ति दूसरों को दुखी करता है।
39. यदि त्रिकोण के मध्य में क्रॉस हो तथा स्वास्थ्य रेखा के पास तारा हो तो वह व्यक्ति अन्धा होता है ।
40. त्रिकोण के अन्दर तारे का चिन्ह हो तो वह प्रेम में बदनाम होता है।
41. यदि त्रिकोण में वृत्त का चिन्ह हो तो वह प्रेमिका से धोखा खाता है।
42. अच्छा पुष्ट और बड़ा त्रिकोण व्यक्ति को सभी दृष्टियों से ऊंचा उठाने वाला माना गया है।
क्रॉस
गणित में धन का चिन्ह या एक आड़ी रेखा पर दूसरी खड़ी रेखा का जो चिन्ह होता है, उसे क्रॉस कहते हैं। यह चिन्ह केवल बृहस्पति पर्वत पर ही शुभ फल देने वाला है। इसके अलावा हथेली में कहीं पर भी यह चिन्ह अनुकूल फल नहीं देता।
1. यदि गुरु क्षेत्र पर क्रॉस का चिन्ह हो तो वह व्यक्ति सुखमय जीवन व्यतीत करने वाला तथा सोच-समझ कर कार्य करने वाला होता है उसकी पत्नी शिक्षित होती है। ससुराल से विशेष धन प्राप्त होता है। तथा उसका गृहस्थ जीवन पूर्णतः सुखमय रहता है।
2. यदि शनि पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह हो तो लड़ाई झगड़े में कई बार शरीर पर चोट के निशान लगते हैं। ऐसे व्यक्ति की अकाल मृत्यु होती है।
3. यदि सूर्य क्षेत्र पर कॉस का चिन्ह हो तो समाज में उसे बहुत अधिक बदनामी का सामना करना पड़ता है। व्यापार में बाधाएं उठाना है तथा इसका भाग्य जीवन-भर इसका सहायक नहीं होता।
4. बुध पर्वत पर यदि क्रॉस का चिन्ह दिखाई दे तो वह व्यक्ति धोखे बाज धूर्त तथा ठग होता हैं। ऐसा व्यक्ति कभी भी विश्वास पात्र नहीं माना जा सकता।
5. यदि चन्द्र क्षेत्र पर क्रॉस का चिन्ह हो तो जल में डूबने से उसकी मृत्यु होती है, या जीवन भर मस्तिष्क सम्बन्धी रोग बने रहते हैं।
6. यदि प्रजापति क्षेत्र पर क्रॉस का चिन्ह हो तो वह व्यक्ति आलसी, कायर तथा डरपोक होता है। शत्रुओं से वह हरदम भयभीत रहता है।
7. केतु पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह इस बात का सूचक है कि वह व्यक्ति दुख में बड़ा हुआ है तथा उसकी शिक्षा भली प्रकार से नहीं हो सकी है।
8. यदि शुक्र क्षेत्र पर क्रॉस का चिन्ह हो तो वह प्रेम के मामले में असफल होता है तथा उसकी बदनामी होती रहती है। ऐसे व्यक्ति जीवन भर निन्दनीय कार्यों में संलग्न रहते हैं।
9. यदि मंगल पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह हो तो निश्चय ही उस व्यक्ति को जेल की यात्रा सहन करनी पड़ती है। ऐसा व्यक्ति लड़ाई झगड़े में विश्वास करता है तथा उसकी मृत्यु आत्महत्या से ही होती है।
10. यदि राहु पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह दिखाई दे तो उसका यौवनकाल दुःखमय व्यतीत होता है तथा चेचक के रोग से वह व्यक्ति पीड़ित रहता है।
11. यदि गुरु पर्वत के अलावा और कहीं पर भी क्रॉस का चिन्ह हो तो उस पर्वत का विपरीत फल मिलने लग जाता है।
12. यात्रा रेखा पर यदि क्रॉस का चिन्ह हो तो यात्रा में उसकी आकस्मिक मृत्यु होती है।
13. यदि विवाह रेखा पर क्रॉस का चिन्ह दिखाई दे तो उस व्यक्ति का विवाह जीवन में नहीं होता, और यदि होता भी है तो उसका गृहस्थ जीवन अत्यन्त दुख में होता हैं।
14. सन्तान रेखा पर क्रॉस का चिन्ह सन्तान के अभाव का सूचक होता है।
15. स्वास्थ्य रेखा पर क्रॉस का चिन्ह व्यक्ति के स्वास्थ्य के पतन का उत्तरदायी होता है।
16. यदि भाग्य रेखा पर क्रॉस हो तो जीवन में वह अत्यन्त साधारण जीवन व्यतीत करने को बाध्य होता है।
17. यदि सूर्य रेखा पर क्रॉस हो तो उसकी उन्नति में बराबर बाधाएं बनी रहती
18. यदि हृदय रेखा पर क्रॉस हो तो वह हार्ट अटैक का मरीज होता है तथा बराबर कमजोर बना रहता है।
19. यदि मस्तिष्क रेखा पर क्रॉस का चिन्ह हो तो वह जीवन-भर दिमाग सम्बन्धी बीमारियों से परेशान रहता है, तथा अन्त में पागल हो जाता है।
20. यदि जीवन रेखा पर क्रॉस का चिन्ह हो तो आयु के उस भाग में वह मरण-तुल्य कष्ट उठाता है।
२१. हाथ में छोटा या बड़ा, चौडा या पतला, किसी भी प्रकार का क्रॉस हानिकर ही माना गया है।
बिन्दु
हथेली में बिन्दुओं का प्रभाव भी महत्त्वपूर्ण देखा गया है।
- सफेद बिन्दु हमेशा उन्नतिकारक माने जाते हैं।
- हथेली में लाल रंग के बिन्दु व्यक्ति की बीमारियों के सूचक होते हैं। पीले रंग के बिन्दु शरीर में रक्त न्यूनता को बताते हैं।
- यदि हथेली में काले रंग के बिन्दु हों तो लक्ष्मीदायक माने गए हैं।
यहां काले रंग के बिन्दुओं से तात्पर्य हथेली में पाए जाने वाले तिलों या तिल से है। आगे की पंक्तियों में इन काले बिन्दुओं या तिलों के बारे में विचार स्पष्ट कर रहा हूं:-
1. यदि तिल हथेली में हो तथा मुट्ठी बन्द करने पर वह मुट्ठी में रहता हो तो ऐसे व्यक्ति के पास धन की कमी नहीं रहती।
2. यदि मुट्ठी में तिल न आता हो मुट्ठी के बाहर ही रहता हो तो ऐसे व्यक्ति के पास धन आता तो अवश्य है परन्तु वह टिक नहीं पाता ऐसा समझना चाहिए।
3. यदि काला तिल गुरु पर्वत पर हो तो उसके विवाह में बराबर बाधाएं आती हैं। समाज में प्रेम के क्षेत्र में उसे बदनामी उठानी पड़ती है। ऐसा व्यक्ति जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त नहीं कर पाता ।
4. यदि शनि क्षेत्र पर काला तिल हो प्रेम के क्षेत्र में वह बराबर बदनाम रहता है। गृहस्थ जीवन दुःखमय होता है तथा पति या पत्नी में से कोई एक आग में जलकर समाप्त होता है।
5. यदि सूर्य पर्वत पर काला तिल हो तो उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा में बहुत बड़ा धक्का लगता है तथा वह समाज में निन्दनीय कार्य करने को बाध्य होता है।
6. यदि बुध क्षेत्र पर काला तिल हो तो वह व्यक्ति कुटिल तथा धोखेबाज होता है। ऐसे व्यक्ति को व्यापार में हानि उठानी पड़ती है।
7. यदि चन्द्र क्षेत्र पर काला तिल हो तो व्यक्ति का विवाह विलम्ब से होता है। जीवन में उसे एक से अधिक बार जलघात से भी पीड़ित होना पड़ता है।
8. यदि प्रजापति क्षेत्र पर तिल की उपस्थिति हो तो उसके शरीर का एक अंग शस्त्र से कट जाता है।
9. केतु क्षेत्र पर काला तिल व्यक्ति के बचपन को दुखमय बनाता है।
10. यदि शुक्र क्षेत्र पर काला तिल हो तो वह व्यक्ति कामी होता है तथा जीवन भर उसके गुप्तांगों में रोग रहता है।
11. राहू क्षेत्र पर यदि काला तिल हो तो यौवनावस्था में उसे आर्थिक हानि उठानी पड़ती है।
12. जीवन रेखा पर यदि काला तिल हो तो व्यक्ति को लम्बे समय तक टी०बी० का मरीज रहना पड़ता है।
13. यदि मस्तिष्क रेखा पर काला तिल हो तो उसे सिर पर गम्भीर चोट लगती है तथा मस्तिष्क से सम्बन्धित रोग बराबर बने रहते हैं।
14. यदि हृदय रेखा पर काला तिल हो तो वह व्यक्ति दुर्बल हृदय वाला होता है।
15. सूर्य रेखा पर काला तिल व्यक्ति की उन्नति में बराबर बाधाएं डालता है।
16. यदि हथेली में भाग्य रेखा पर काला तिल हो तो उसका जीवन दुर्भाग्यपूर्ण ही रहता है।
17. स्वास्थ्य रेखा पर काला तिल जीवन भर उसके स्वास्थ्य को कमजोर बनाए रखता है।
18. विवाह रेखा पर काले तिल की उपस्थिति विवाह में बाधाएं पैदा करती है।
19. यदि मंगल रेखा पर तिल हो तो ऐसा व्यक्ति कायर तथा कमजोर हृदय वाला होता है।
20. चन्द्र रेखा पर तिल मानव की उन्नति में बाधाएं देता है।
21. यदि यात्रा रेखा पर तिल हो तो यात्रा में ही उस व्यक्ति की मृत्यु होती है।
22. अनामिका उंगली पर तिल का चिन्ह व्यापार में असफलता देता है। 23. यदि कनिष्ठिका उंगली पर काला तिल हो तो वह व्यक्ति व्यापार में हानि उठाता है तथा व्यापार का विस्तार नहीं कर पाता ।
24. मध्यमा उंगली पर यदि तिल हो तो उसके भाग्य में बराबर बाधाएं बनी रहती हैं तथा भाग्य उन्नति के लिए उसे बराबर भटकना पड़ता है।
25. यदि तर्जनी उंगली पर तिल का चिन्ह हो तो नौकरी में पद त्याग करना पड़ता है एवं बदनामी का सामना करना पड़ता है।
वृत
हथेली में जो छोटे-छोटे गोल घेरे पाये जाते हैं उसे वृत या सूर्य या कन्दुक कहते हैं।
1. यदि हथेली में गुरु पर्वत पर वृत का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति प्रभावशाली होता है तथा निश्चय ही अपने प्रयत्नों से उच्च पद प्राप्त करने में सफल रहता है। ऐसे व्यक्ति को ससुराल से भी विशेष धन प्राप्ति होती है।
2. यदि शनि पर्वत पर वृत का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति को अनायास धन लाभ होता है तथा लॉटरी, जुआ या सट्टे से विशेष धन प्राप्त करता है।
3. यदि सूर्य पर्वत पर वृत हो तो वह व्यक्ति उच्च एवं सात्विक विचारों वाला होता है तथा विश्व में यह प्रसिद्ध होता है।
4. बुध पर्वत पर वृत्त का चिन्ह व्यक्ति को व्यापार में भारी सफलता देता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन विलासितापूर्ण होता है।
5. प्रजापति क्षेत्र पर वृत का चिन्ह मानव को कमजोर तथा आलसी बना देता है।
6. यदि चन्द्र पर्वत पर वृत का चिन्ह हो तो उसका स्वास्थ्य कमजोर रहता है तथा जल में डूबने से उसकी मृत्यु होती है।
7. यदि शुक्र पर्वत पर वृत का चिन्ह हो तो वह व्यक्ति भोगी तथा कामी होता है। कई बार ऐसे व्यक्ति नपुंसक भी होते देखे गए हैं।
8. मंगल क्षेत्र पर वृत की उपस्थिति व्यक्ति को कायर दिल वाला बना देती है।
9. यदि जीवन रेखा पर वृत का चिन्ह हो तो उसकी आंखें कमजोर होती हैं।
10. मस्तिष्क रेखा पर वृत मस्तिष्क सम्बन्धी रोगों को जन्म देता है।
11. हृदय रेखा पर वृत का चिन्ह होने से व्यक्ति हृदय रोग से पीड़ित रहता है।
12. सूर्य रेखा पर यदि वृत का चिन्ह हो तो वह अपने जीवन में असाधारण सफलता प्राप्त करता है तथा भौतिक दृष्टि से वह पूर्ण सुखी एवं सम्पन्न होता है।
13. भाग्य रेखा पर वृत का चिन्ह व्यक्ति को भाग्यहीन बनाता है तथा जीवन भर उसे परेशानियां भोगनी पड़ती हैं।
14. यदि यात्रा रेखा पर वृत का चिन्ह हो, तो यात्रा में वह मरण-तुल्य कष्ट उठाता है ।
द्वीप
हथेली में यह चिन्ह कहीं पर भी दिखाई दे सकता है। जिस स्थान पर भी यह चिन्ह होता है, उस स्थान के प्रभाव को यह कमजोर करने में ही सहायक होता है।
1. गुरु पर्वत पर यदि द्वीप का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति के आत्म-विश्वास में कमी आती है तथा उसे अपने आप पर ही भरोसा नहीं रहता।
2. शनि पर्वत पर द्वीप का चिन्ह व्यक्ति को पग-पग पर परेशानियां देने में सहायक होता है।
3. यदि रवि पर्वत पर द्वीप का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति हमेशा निराशावादी भावना लिए हुए जीवित रहता है तथा उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
4. बुध पर्वत पर द्वीप का चिन्ह व्यापार या विज्ञान से सम्बन्धित कार्यों में हानि पहुंचाता है। ऐसे व्यक्ति को समाज में निन्दा का पात्र बनना पड़ता है।
5. यदि हथेली में चन्द्र पर्वत पर द्वीप हो तो उसका स्वभाव क्रूर तथा निर्दयी होता है।
6. शुक्र पर्वत पर द्वीप का चिन्ह पारिवारिक जीवन में घातक माना गया है। जीवन में चारों ओर से उसे निराशा का सामना करना पड़ता है।
7. जीवन रेखा पर यदि द्वीप हो, तो व्यक्ति सेक्स की दृष्टि से कमजोर होता है।
8. मस्तिष्क रेखा पर द्वीप, दिमाग से सम्बन्धित रोगों से पीड़ित रखता है।
9. हृदय रेखा पर यदि द्वीप का चिन्ह हो, तो उसके जीवन में बराबर हृदय रोग बना रहता है।
10. यदि सूर्य रेखा पर द्वीप हो, तो उसे जीवन में कई बार बदनामियों का सामना करना पड़ता है।
11. भाग्य रेखा पर द्वीप का चिन्ह भाग्यहीनता की ओर संकेत करता है तथा उसे जीवन में जरूरत से ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
12. यदि यात्रा रेखा पर द्वीप का चिन्ह हो, तो उस व्यक्ति की मृत्यु यात्रा में ही होती है।
13. चन्द्र पर्वत पर द्वीप का चिन्ह व्यक्ति के दिमाग को कुन्द बना देता है ।
14. विवाह रेखा पर द्वीप का चिन्ह हो, तो शीघ्र ही प्रिय की मृत्यु का आघात सहन करना पड़ता है।
15. स्वास्थ्य रेखा पर द्वीप का चिन्ह हो, तो उसे जीवन में कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
वर्ग
चार भुजाओं से घिरे हुए स्थान या क्षेत्र को वर्ग कहते हैं। कुछ लोग इसको समकोण के नाम से भी पुकारते हैं।
1. यदि गुरु पर्वत पर वर्ग का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति जीवन में सफल प्रशासक होता है। उसका सम्मान तथा कीर्ति पूरे संसार में फैलती है। एक साधारण घराने में जन्म लेकर के भी अत्यन्त उच्च पद पर पहुंचता है।
2. यदि शनि पर्वत पर वर्ग का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति बार-बार मृत्यु के मुंह से आश्चर्यजनक रूप से बच जाता है।
3. यदि सूर्य क्षेत्र पर वर्ग का चिन्ह हो तो वह धन, मान, यश, पद, प्रतिष्ठा की दृष्टि से अत्यन्त उच्च स्तरीय जीवन व्यतीत करता है और उसके कार्यों की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलती है।
4. यदि बुध पर्वत पर वर्ग हो, तो वह जेल जाने से बच जाता है।
5. चन्द्र पर्वत पर वर्ग का चिन्ह उसकी कल्पना शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। ऐसा व्यक्ति गम्भीर, दयालु तथा विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य से कार्य करने वाला होता है।
6. यदि केतु पर्वत पर वर्ग हो, तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय शीघ्र ही होता है तथा उसका यौवनकाल अत्यन्त सुखमय व्यतीत होता है।
7. यदि शुक्र पर्वत पर वर्ग हो, तो वह प्रेम के क्षेत्र में सावधानी बरतता है और जीवन में उसे बदनामी का सामना नहीं करना पड़ता।
8. यदि मंगल पर्वत पर वर्ग का चिन्ह हो तो वह अपने क्रोध को सीमित रखने में सफल होता है तथा उसे जीवन में बहुत ही कम क्रोध आता है।
9. यात्रा रेखा पर वर्ग की उपस्थिति इस बात की सूचक होती है कि वह जीवन में कई बार यात्राएं करेगा तथा यात्राओं से विशेष धन लाभ लेगा।
10. चन्द्र रेखा पर वर्ग की उपस्थिति मानव की सभी प्रकार की उन्नति में सहायक होती है।
11. यदि विवाह रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो, तो उसकी पत्नी पढ़ी-लिखी, सुन्दर, सुशील तथा शिक्षित होती है तथा उसे ससुराल से विशेष धन लाभ होता है।
12. यदि स्वास्थ्य रेखा पर वर्ग हो, तो उसका व्यक्तित्व आकर्षक और जीवन भर स्वास्थ्य अनुकूल बना रहता है।
13. यदि भाग्य रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो, तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय छोटी अवस्था में ही हो जाता है।
14. सूर्य पर्वत पर अथवा सूर्य रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो तो उसके जीवन में यश, मान, पद, प्रतिष्ठा आदि की कोई कमी नहीं रहती।
15. यदि हृदय रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो, तो उसका गृहस्थ जीवन सुखमय होता है तथा वह हृदय से परोपकारी एवं दयालु होता है।
16. मस्तिष्क रेखा पर वर्ग का चिन्ह इस बात का सूचक है कि ऐसे व्यक्ति का दिमाग सन्तुलित तथा निरन्तर क्रियाशील है।
17. यदि जीवन रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति दीर्घायु होता है।
18. यदि राहु पर्वत पर वर्ग का चिन्ह हो, तो उसका काफी समय साधु के रूप में जंगलों में व्यतीत होता है।
वस्तुतः वर्ग का चिन्ह हथेली में कहीं पर भी हो, वह पूर्णतः शुभ माना जाता है।
जाल
खड़ी रेखाओं पर आड़ी रेखाएं होने से एक प्रकार का जाल-सा बन जाता है। यह व्यक्ति की हथेलियों में सभी स्थानों पर देखने को मिल जाता है। इन स्थानों पर पड़े इन जालों का फलादेश निम्न प्रकार से है:-
1. यदि गुरु क्षेत्र पर जाल चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति क्रूर, निर्दयी, स्वार्थी तथा घमण्डी होता है।
2. यदि शनि पर्वत पर जाल का चिन्ह हो, तो ऐसा व्यक्ति आलसी होता है तथा समाज में कंजूस होने की वजह से बदनामी सहन करनी पड़ती है।
3. यदि यह रेखा जाल सूर्य पर्वत पर हो, तो समाज में बार-बार निन्दा का पात्र बनना पड़ता है।
4. यदि बुध पर्वत पर जाल हो, तो वह व्यक्ति अपने ही किए गए कार्यों पर पछताता है तथा परेशानियां उठाता है।
5. यदि प्रजापति क्षेत्र पर जाल का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति के हाथ से अवश्य ही हत्या होती है तथा उसे कारावास का दण्ड भोगना होता है।
6. यदि चन्द्र क्षेत्र पर जाल का चिन्ह हो, तो वह अस्थिर स्वभाव वाला तथा असन्तुष्ट व्यक्तित्त्व का स्वामी होता है।
7. यदि केतु पर्वत पर जाल हो, तो वह जीवन भर बीमारियों से परेशान रहता है।
8. यदि शुक्र पर्वत पर जाल हो, तो वह व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भोगी तथा लम्पट होता है। समाज में उसका किसी प्रकार का कोई स्थान नहीं होता।
9. यदि मंगल क्षेत्र पर जाल हो, तो वह जीवन भर मानसिक दृष्टि से अशान्त बना रहता है।
10. यदि राहु पर्वत पर जाल का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति दुर्भाग्य पूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य होता है।
11. यदि मणिबन्ध रेखा पर जाल का चिन्ह हो, तो उसका जरूरत से ज्यादा पतन होता है।
12. हथेली में कहीं पर भी जाल का चिन्ह अच्छा फल देने वाला नहीं माना जाता।
नक्षत्र या तारा
हथेली में कई स्थानों पर सूक्ष्मतापूर्वक देखने से नक्षत्र या तारे दिखाई देते हैं। अलग-अलग स्थानों में होने से इनके फलादेश में भी अन्तर आ जाता है।
1. यदि गुरु पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति निश्चय ही अपने जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त करता है। समाज में धन, मान, पद, प्रतिष्ठा आदि की दृष्टि से उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती। वह निरन्तर उन्नति की ओर अग्रसर रहता है तथा सम्माननीय पद प्राप्त कर समाज में पूर्ण सफलता प्राप्त करता है।
2. यदि शनि पर्वत पर नक्षत्र या तारे का चिन्ह हो, तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय शीघ्र ही होता है। वह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है तथा जीवन में पूर्ण यश तथा सम्मान प्राप्त करने में सफल होता है।
3. यदि सूर्य पर्वत पर नक्षत्र हो, तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में पूर्ण धन लाभ होता है। भौतिक दृष्टि से उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती । शारीरिक तथा मानसिक दृष्टि से पूर्ण स्वस्थ रहता है।
4. यदि बुध पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति एक सफल व्यापारी तथा उच्च कोटि की योजना बनाने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति एक सफल कवि तथा साहित्यकार भी हो सकता है।
5. यदि केतु पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो उस व्यक्ति का बचपन अत्यन्त सुखमय बीतता है तथा जीवन में भौतिक दृष्टि से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती।
6. यदि शुक्र पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो ऐसा व्यक्ति भोगी होता है। पत्नी के अलावा अन्य स्त्रियों से भी सम्पर्क रहता है तथा जीवन में उसकी पत्नी अत्यन्त सुन्दर तथा स्वस्थ रहती है।
7. मंगल पर्वत पर यदि नक्षत्र का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति धीरजवान तथा साहसी होता है। युद्ध में अतुलनीय साहस दिखाने से उसे देश व्यापी सम्मान मिलता है।
8. यदि राहु पर्वत पर चिन्ह हो, तो हमेशा भाग्य साथ देता है तथा जीवन में पूर्ण यश तथा सम्मान प्राप्त करता है।
9. यात्रा रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह इस बात का सूचक होता है कि उस व्यक्ति की मृत्यु घर से दूर तीर्थ स्थान पर होती है।
10. चन्द्र रेखा पर यदि तारे का चिन्ह हो, तो वह पेट सम्बन्धी रोगों से ग्रस्त रहता है तथा थोड़े बहुत रूप में वह बराबर बीमार बना रहता है।
11. यदि मंगल रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो उस व्यक्ति की हत्या होती है।
12. यदि विवाह रेखा पर नक्षत्र या तारे का चिन्ह हो, तो उस व्यक्ति के विवाह में कई प्रकार की बाधाएं आती हैं तथा उसका गृहस्थ जीवन सुखमय नहीं कहा जा सकता।
13. यदि स्वास्थ्य रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य जीवन भर कमजोर बना रहता है तथा उसकी मृत्यु अत्यन्त दुखदायी परिस्थितियों में होती है।
14. यदि सूर्य रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो उस व्यक्ति को व्यापार में विशेष सफलता मिलती है तथा आकस्मिक धन प्राप्ति के योग जीवन में कई बार होते हैं।
15. यदि हृदय रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो वह हृदय से संबंधित रोगों से पीड़ित रहता है।
16. यदि मस्तिष्क रेखा पर नक्षत्र या तारे का चिन्ह हो तो वह जीवन भर स्नायु सम्बन्धी रोगों से ग्रस्त रहता है।
17. यदि आयु रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो उस व्यक्ति की यौवनकाल में ही आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।
18. यदि अंगूठे पर नक्षत्र का चिन्ह हो, तो वह व्यक्ति परिश्रमी, सहनशील तथा सफल व्यक्तित्त्व का धनी होता है।
19. तर्जनी उंगली पर नक्षत्र का चिन्ह सभी प्रकार से शुभ माना गया है।
20. मध्यमा तथा अन्य उंगलियों पर नक्षत्र के चिन्ह से उसमे सम्बन्धित ग्रहों को विशेष बल मिलता है।
वस्तुतः हाथ में नक्षत्र या तारे के चिन्ह का सावधानी पूर्वक अध्ययन करना चाहिए। ये चिन्ह व्यक्तित्व के निर्माण में तथा भविष्यकथन में बहुत अधिक सहायक होते हैं।
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