कुंडली से रोजगार का चुनाव

अपनी योग्यताओं और क्षमताओं के अनुसार व्यक्ति अपनी आजीविका के साधन को चुनता है। इसके बावजूद कई बार उसे अपने व्यवसाय में परिवर्तन करना पड़ता है। इसके कई कारण हैं, लेकिन प्रमुख कारण है अपने अनुकूल या लाभदायक व्यवसाय का चयन न कर पाना। लगभग नौकरी में भी यही बात लागू होती है । बहुत बार हम इस तरह के काम को करने लगते हैं जो अपनी रुचि के विपरीत है या जिसमें हम अपनी योग्यताओं और क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष इस संबंध में हमें अच्छा मार्गदर्शन दे सकता है।

रोजगार के हजारों व्यवसायों में से किसी लाभदायक व्यवसाय का चयन करना वास्तव में अत्यंत कठिन है। मैं यहां विभिन्न भावों के आधार पर व्यवसायों की प्रकृति के बारे में बताने का प्रयास करूंगा । पाठकों को सर्वप्रथम कुंडली के उन भावों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए जो व्यक्ति के रोजगार से संबद्ध हैं ।

रोजगार को दर्शाने वाले भाव

कुंडली के बारह भावों में द्वितीय भाव धन का है, सप्तम भाव रोजगार का है, नवम भाव भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है और ग्यारहवां भाव लाभ का है। जातक किन ग्रहों से संबंधित कार्य करेगा यह तय करना इन चार भावों के द्वारा ही संभव है। धन (द्वितीय) भाव व्यक्ति के बैंक बैलेंस को दर्शाता है । दैनिक रोजगार (सप्तम) भाव व्यक्ति की आजीविका से संबंधित है। भाग्य (नवम) भाव व्यक्ति के भाग्योदय और भाग्य संबंधी उतार-चढ़ाव को व्यक्त करता है। लाभ (एकादश) भाव उन क्षेत्र – विशेष की तरफ संकेत देता है जहां से लाभ की आशा की जा सकती है।

अब यहां समस्या उत्पन्न होती है कि किस भाव के स्वामी विशेष की प्रकृति के अनुसार वस्तु या व्यवसाय का चयन किया जाए। इस समस्या का पहला सूत्र है कि जिस भाव का स्वामी सर्वाधिक बली हो, अर्थात् स्वराशिगत, उच्चस्थ या वर्गोत्तमी हो, उस ग्रह से संबंधित व्यवसाय, वस्तु या नौकरी करने से लाभ होता है।

हालांकि ये सब प्रचलित सूत्र हैं, लेकिन मेरी धारणा है कि सूर्य से दशम में जो ग्रह हो, उससे संबंधित व्यवसाय करने से लाभ होता है। उदाहरण के लिए, सूर्य यदि मकर राशि में हो तो मकर से दसवीं राशि तुला के स्वामी शुक्र से संबंधित व्यवसाय को अपनाने से लाभ की संभावना अधिक होती है।

इसके अलावा आय (लाभ) भाव इन चारों भावों में सबसे महत्त्वपूर्ण है। सूर्य से दशमेश के अलावा लाभ भाव पर अवश्य दृष्टि डालनी चाहिए। अनुभव में आता है कि जब जातक के जन्मांग के एकादश भाव में पाप ग्रह (शनि, मंगल, राहु) हों तो किसी भी तरह का व्यवसाय क्यों न किया जाए, लाभ की स्थिति काफी विलंब ही आ पाती है

उपरोक्त चारों भाव और सूर्य से दशमेश की परस्पर शक्ति के आकलन के बाद किसी एक ग्रह का चयन करना चाहिए । निश्चित ग्रह को पकड़ लेने के पश्चात् उस ग्रह से संबंधित व्यवसाय का चयन करना चाहिए।

यहां पाठकों को बता दूं कि इस लेख में व्यवसाय शब्द व्यापक अर्थों में प्रयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, आप कैसा भी कार्य करें, उसे व्यवसाय ही माना गया है। लोहे के उत्पादों की फैक्टरी का मालिक होना और लोहे की फैक्टरी में एक श्रमिक या प्रबंधक का काम करना दोनों को लोहे का ही व्यवसाय मानकर लिखा गया है ।

ग्रह और उनसे संबंधित कैरियर

सूर्य : फायनेंसर, गोल्डस्मिथ, बीज विक्रेता, चमड़े की वस्तुओं का निर्माता और विक्रेता, एंटीबायोटिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर, स्कूल/कॉलेज प्रबंधक, मैनेजमेंट कंसलटेंट, फार्मेसिस्ट, अस्पतालकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, उत्पादन प्रबंधक, आर्किटेक्ट, इन्वेस्टमेंट आदि ।

चन्द्र : लाइब्रेरियन, रिसेप्शनिस्ट, लेखक, गारमेंट डिजाइनर, चप्पल-जूता डिजाइनर, कॉनसेप्ट सेलर, फिल्म ड्रेस डिजाइनर, ट्यूटर, सलाहकार, सूचना अधिकारी, जिंगल राइटर, मनोवैज्ञानिक, फोरेंसिक वैज्ञानिक, पटकथा लेखक, गीतकार, ट्रैवल एजेंट, कैरियर काउंसलर, आयात-निर्यात कर्ता, ट्रांसपोर्ट कंपनी ऑनर, प्रकाशक, काव्य सृजक, लघु पत्रिका का संपादक/प्रकाशन, सिल्वरस्मिथ, सॉल्ट मर्चेंट आदि ।

मंगल : सेना अधिकारी, प्रॉपर्टी डीलर, डिटेक्टिव, सर्जन, मेडिकल शॉप, पुलिस अधिकारी, अग्निशमन ऑफिसर, प्रोफेशनल स्पोर्ट्स प्लेयर, हेल्थ वर्कर, सिक्योरिटी सर्विस, चोर (थीप), डरा-धमका कर हफ्ता वसूली करने वाला, भूगर्भ विशेषज्ञ, सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट मैन्युफैक्चरर और विक्रेता, भूमाफिया, हथियार विक्रेता आदि ।

बुध : सी.ए. लेख-विश्लेषक, क्लर्क, फीचर संपादक, प्रकाशक, हॉबी क्लास टीचर, प्रोफेशनल वक्ता, इंवेस्टमेंट प्रबंधक, केश प्रबंधक, रीटेल शॉप, जनरल स्टोर, एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव, लेखक, स्किन केयर विशेषज्ञ, टीवी समाचार वक्ता, जालसाज, छोटे गबन करने वाला, बुक बाइंडर, प्रूफ रीडर, कंपोजर, बैंक कर्मी, गणितज्ञ, किराने का दुकानदार, मेलों का आयोजक आदि ।

बृहस्पति : सरकारी साहित्य संस्थाओं के अधिकारी, ग्वाला, वेब पेज डिजाइनर, संगठन-प्रबंधक आर्किटेक्ट, फ्रीलांस इलस्ट्रेटर, मैनेजमेंट कंसलटेंट, कंप्यूटर प्रोग्रामर, राजनीतिज्ञ, व्यवसायी, संपादक, कॉलेज प्रोफेसर, वकील, वेचंट कैपिटलिस्ट, मंदिर संचालक, ज्योतिषी, इकोनॉमिक फोरकास्टर, शोधकर्ता, धार्मिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, होटल प्रबंधक, प्रोजेक्ट मैनेजर, न्यायाधीश, सरकारी सेवाकर्मी, राजदूत, प्रशासक, दीवानी मुकदमों के अधिवक्ता आदि ।

शुक्र : मीडिया प्लानर, सर्जन, इंटीरियर डेकोरेटर, फोटोग्राफर, ज्योतिषी, मैरिज ब्यूरो संचालक, टीवी एंकर, ब्यूटीशियन, टीवी और फिल्म अभिनेता/अभिनेत्री, फैशन डिजाइनर, ज्वैलरी डिजाइनर, संगीतज्ञ, मॉडल, गायक, केश-सज्जा, मेकअप विशेषज्ञ, आयुर्वेद डॉक्टर, मैन्युफैक्चरर ऑफ मेडिसिन, वेश्या, नट, सौंदर्य प्रसाधन विक्रेता, आभूषण विक्रेता, लेडीज़ अंडरगारमेंट्स सेलर, इत्र विक्रेता, पर्यटन प्रबंधक, मिठाई निर्माता/विक्रेता आदि ।

शनि : उत्पादन प्रबंधक, हार्डवेयर इंजीनियर, टेक्नीशियन, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, विदेशी भाषा अनुवादक, कंप्यूटर प्रोग्रामर, प्राइवेट डिटेक्टिव, अंग्रेजी भाषा अध्यापक, फ्लोर मील आनर, लैबोरेट्री टेक्नीशियन, कबाड़ी, ऐंटिक आर्टिकल कलेक्टर और सेलर, स्टील फैक्टरी मालिक/श्रमिक आदि ।

राहु : वेचंट कैपिटलिस्ट, फिजियो थेरेपिस्ट, शेयर ब्रोकर, राजनीतिज्ञ, होटलकर्मी, घोटला करने वाले, आटोपार्ट्स विक्रेता, शराब के ठेकेदार, नशीले पदार्थों का उत्पादक, तस्कर, समाज कंटक, फिल्म निर्माता, हड्डियों का ठेकेदार आदि ।

केतु : मंदिरों से संबंधित कार्य करने वाला, झंडों का निर्माता और विक्रेता, रस्सी जैसी लंबी वस्तुओं का निर्माता और विक्रेता आदि ।


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